गिरफ्तार किए गए इन सभी आरोपियों ने लोगों को झांसा देकर उनका क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करवाया। पुलिस एसआईटी इन आरोपियों से पूछताछ कर रही है। जांच में पुलिस को कई अहम सुराग भी हाथ लगे हैं।
Rajneesh Sharma / Hamirpur
क्रिप्टोकरेंसी ठगी मामले में हिमाचल प्रदेश पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने शनिवार रात को आठ और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें जेल वार्डन समेत चार पुलिस कर्मचारी, एक फोरेस्ट गार्ड और तीन अन्य आरोपी शामिल हैं। सभी आरोपियों को रविवार को शिमला जिला न्यायालय में पेश किया गया, जहां उन्हें पांच दिन की रिमांड पर भेज दिया गया। एसआईटी अब तक इस मामले में 18 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में पुलिस कर्मचारी नरेश कुमार निवासी गांव समलैहड़ा जिला हमीरपुर वर्तमान में कांगड़ा जिला थाना भवारना में तैनात, पुलिस कर्मचारी सुनील कुमार चंदराणी निवासी बिझड़ी जिला हमीरपुर वर्तमान में बतौर जेल वार्डन वनगढ़ (ऊना) में तैनात, पुलिस कर्मचारी बलवीर सिंह निवासी छतरैणा, तहसील सरकाघाट, मंडी वर्तमान में कंडा जेल में तैनात, महिला पुलिस कर्मचारी ज्योति निवासी मोरसू, तहसील बड़सर, जिला हमीरपुर वर्तमान में पुलिस चौकी जाहू में तैनाती के दौरान हमीरपुर पुलिस लाइन में अटैच, फोरेस्ट गार्ड राम कुमार राणा निवासी सुजानपुर टिहरा, नौदान में तैनात, किशन दत्त निवासी मोहीं जिला हमीरपुर, नील धीमान निवासी खरूनी, नालागढ़ और गुरदीप निवासी तलार बस्सी, तहसील बद्दी, सोलन शामिल हैं।
गिरफ्तार किए गए इन सभी आरोपियों ने लोगों को झांसा देकर उनका क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करवाया। पुलिस एसआईटी इन आरोपियों से पूछताछ कर रही है। जांच में पुलिस को कई अहम सुराग भी हाथ लगे हैं। इससे पहले एसआईटी 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है, जबकि एक अन्य मास्टरमाइंड मंडी का रहने वाला सुभाष अभी तक फरार है। उसके दुबई में होने की सूचनाएं हैं।
उसे भारत लाने के लिए औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। एसआईटी के अनुसार गिरफ्तार किए गए सभी आरोपी सीधे तौर पर निवेशकों के संपर्क में थे। लोगों से किस तरह पैसों का निवेश करवाना है और कितने महीनों में पैसा दोगुना कर देना है। यह काम यही लोग कर रहे थे। ये निवेश करवाने के लिए लोगों को तैयार करते थे। इसके अलावा लोगों ने जो पैसा लगाया है, उस राशि को दूसरी जगह निवेश करने का काम भी इन आरोपियों का था।
ये आरोपी लोगों को लुभावने सपने दिखाते थे, दो साल में लोगों को अमीर बनने का झांसा देते थे। पुलिस चौकी में तैनात कांस्टेबल और वनरक्षक और एक अन्य व्यक्ति के घर से एसआईटी ने छापामारी कर मोबाइल फोन, लैपटॉप, कंप्यूटर की हार्ड डिस्क, बैंक खाता और प्रॉपर्टी से संबंधित अहम दस्तावेज कब्जे में लिए थे। उधर, एसआईटी प्रमुख डीआईजी अभिषेक दुल्लर ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी मामले में गिरफ्तार आठों आरोपियों को पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। उनसे पूछताछ में कई और आरोपी सामने आएंगे।
कड़ी दर कड़ी आरोपियों तक पहुंच रही एसआईटी
सबसे पहले पुलिस एसआईटी ने सुखदेव और हेमराज को गिरफ्तार किया था। उसके बाद एक, फिर सात लोगों की गिरफ्तारी की गई। शनिवार को आठ और आरोपी धरे गए। एसआईटी का मानना है कि यह घोटाला 2,000 करोड़ रुपये का है। हिमाचल प्रदेश के अलावा इन आरोपियों ने बाहरी राज्यों के लोगों को भी ठगा है। पुलिस की विशेष जांच टीम कड़ी दर कड़ी आरोपियों तक पहुंच रही है।