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डंके की चोट पर : बाबा बालक नाथ मंदिर दियोट सिद्ध प्रशासन पर फिर उठी उंगली, इस बार अवैध रूप से बेच डाला लंगर का आटा
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बाबा बालकनाथ मंदिर से अवैध तरीके से राशन बेचने का पर्दाफाश, स्टोर सील
रजनीश शर्मा । हमीरपुर
किसी न किसी वजह से विवादों में रहने वाला करोड़ों रुपए के चढ़ावे वाला बाबा बालक नाथ मंदिर दियोट सिद्ध एक बार फिर सुर्खियों में है। इससे पहले अपने ट्रस्टियों को लाखों रुपए का मानदेय देकर श्रद्धालुओं के चढ़ावे का दुरपयोग करने पर भी मंदिर प्रशासन पर उंगलियां उठी। लुधियाना के एक श्रद्धालू द्वारा आर टी आई से जुटाई जानकारी में यह स्पष्ट हुआ था कि केवल हिमाचल में ट्रस्ट के अधीन मंदिरों में से बाबा बालक नाथ मंदिर में ही ट्रस्टियों को मानदेय दिया जाता रहा है।
इस बार बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में गुपचुप तरीके से राशन को बेचने का मामला सामने आया है। सोमवार को मंदिर में तैनात सुरक्षा कर्मी ने मंदिर के राशन स्टोर से अन्य जगह ले जाते वक्त एक चीनी की बोरी और एक आटे की बोरी को पकड़ा है। मंदिर से इस तरह से राशन के गोलमाल होने पर मंदिर प्रशासन ने स्टोर को सील कर दिया है।
बताया जा रहा है कि काफी दिनों से मंदिर प्रशासन को शिकायतें मिल रहीं थी कि स्टोर से बिना पर्ची समान निकाल कर बेचा जा रहा है। इसके बाद मंदिर प्रशासन ने सुरक्षा कर्मियों को सतर्क रहने के आदेश दिए थे। सोमवार सुबह के समय सुरक्षा कर्मी ने जांच में पाया कि स्टोर से निकालकर एक आटे की बोरी दुकान में रखी थी, जबकि चीनी की बोरी गाड़ी में थी। मगर इनकी कोई पर्ची नहीं कटी थी।
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सुरक्षा कर्मी के पूछने पर दुकानदार ने कहा कि उसने यह सामग्री मंदिर स्टोर से निकलवाई है और अपर बाजार में स्थित अपनी दुकान पर ले जा रहा था। कुछ दुकानदारों ने बाबा बालकनाथ मंदिर के अधिकारी संदीप चंदेल के समक्ष बयान दिया है कि यह काम काफी दिनों से चल रहा है।
आटा-चीनी के अलावा मंदिर के स्टोर से देसी घी भी बिना पर्ची निकाला जाता है। इसकी भी जांच होनी चाहिए। मंदिर अधिकारी संदीप चंदेल ने कहा कि मंदिर के किस कर्मचारी ने दुकानदार के साथ मिलकर इस कार्य को अंजाम दिया है, इसकी जांच की जा रही है। इसके अलावा मंदिर प्रशासन ने स्टोर को सील कर दिया है। अब नए सिरे से स्टाक की जांच की जाएगी। अभी मंदिर प्रशासन अपने स्तर पर जांच कर रहा है।
उच्च अधिकारियों के निर्देश के बाद ही अगली कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। मंदिर से चीनी को बेचने का कोई प्रावधान नहीं है। मंदिर से महज मध्य वर्गीय लोगों के लिए आटा और अन्य राशन बेचा जाता है।
बता दें कि बाबा बालक नाथ मंदिर में आने वाले श्रद्धालु चावल, दालें, गेहूं, आटा, चीनी, देसी घी के अलावा अन्य खाद्यान्नों को चढ़ावा चढ़ाते हैं। मंदिर प्रशासन की ओर चीनी को छोड़कर अन्य राशन को पर्ची काटकर अन्य मध्य वर्गीय लोगों को भी बेचता है।