टौणी देवी में राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों द्वारा स्वच्छता शिविर का आयोजन
रजनीश शर्मा | हमीरपुर
स्वच्छता केवल शारीरिक साफ-सफाई तक ही सीमित नहीं है; यह मानसिक और आत्मिक स्वच्छता के लिए भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। जैसे हम अपने आसपास की सफाई का ध्यान रखते हैं, वैसे ही हमें अपने विचारों और मनोभावों को भी शुद्ध और सकारात्मक बनाए रखना चाहिए। मन की स्वच्छता से हम तनाव, नकारात्मकता और अस्वास्थ्यकर विचारों से मुक्त रह सकते हैं, जिससे हमारे जीवन में शांति और संतुलन बना रहता है। शारीरिक स्वच्छता और मानसिक स्वच्छता दोनों ही स्वस्थ और संतुलित जीवन के आवश्यक घटक हैं। एक साफ और स्वस्थ वातावरण न केवल हमारे शरीर को स्वस्थ रखता है, बल्कि हमारे मन और आत्मा को भी पोषण देता है।
इसी कड़ी में स्वर्ण जयंती राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला (उत्कृष्ट) टौणी देवी में राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) के अंतर्गत एक स्वच्छता शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें स्वयंसेवकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस शिविर का मुख्य उद्देश्य छात्रों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाना और परिसर को साफ-सुथरा बनाना था।स्वयंसेवकों ने स्कूल परिसर के साथ-साथ खेल के मैदान और प्रांगण की सफाई की। इस पहल के तहत, छात्रों ने कचरे को इकट्ठा कर उसे सही तरीके से निस्तारित किया। साथ ही, उन्होंने पेड़-पौधों की देखभाल की और वातावरण को स्वच्छ बनाए रखने के महत्व पर भी चर्चा की। इस कार्यक्रम का आयोजन स्कूल के प्रधानाचार्य श्री रजनीश रांगडा के नेतृत्व में किया गया। उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, “स्वच्छता केवल हमारे परिवेश को सुंदर बनाती है, बल्कि यह हमारे स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत आवश्यक है।”
उन्होंने सभी छात्रों को नियमित रूप से स्वच्छता का पालन करने और इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाने की सलाह दी और बताया कि आगे भी ऐसे शिविरों का आयोजन किया जाएगा ताकि छात्र अपने समाज और देश की स्वच्छता में योगदान दे सकें। वहीँ कार्यक्रम अधिकारी विजय कुमार एवं रीता बाली ने भी इस स्वच्छता शिविर ने न केवल स्कूल परिसर को साफ करने में मदद की, बल्कि छात्रों में सामाजिक सेवा और जिम्मेदारी की भावना भी विकसित करने का प्रयास किया । इस अवसर पर लीना, संजीव, संजय, पवन, राजेश, सुरेश सहित सभी अध्यापक उपस्थित रहे।