Himachal : बादल फटने के पांच दिन बाद भी 44 लोग लापता
पोल खोल न्यूज़ | शिमला
हिमाचल प्रदेश के समेज, बागीपुल व राजबन में 31 जुलाई की रात को बादल फटने के बाद अभी भी 44 लोग लापता हैं। वहीं, लापता लोगों को खोजने के लिए सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और होमगार्ड की ओर से सर्च ऑपरेशन छठे दिन भी लगातार जारी है। सर्च ऑपरेशन में बारिश भी बाधा बन रही है। उधर, मंगलवार को राजबन में महिला का एक शव मिला है। यहां अभी भी एक लापता है। लापता हुए 10 लोगों में से नौ के शव बरामद किए जा चुके हैं। लापता को हादसे वाले स्थल से लेकर साथ बहती खड्ड में भी ढूंढा जा रहा है। वहीं सोमवार को सतलुज नदी से दो और लोगों के शव बरामद हुए थे। इनमें एक लड़की और दूसरा पुरुष है। अभी तक दोनों शवों की शिनाख्त नहीं हो पाई है। डीएनए जांच के लिए दोनों शवों के सैंपल लिए गए हैं। रिश्तेदारों के सैंपलों के साथ मिलान करवाने के बाद शवों की शिनाख्त हो पाएगी। अभी तक सतलुज नदी से पांच शव बरामद किए जा चुके हैं। किसी की भी शिनाख्त नहीं हुई है।
पुलिस ने रामपुर के समेज और निरमंड के बागीपुल से लापता हुए लोगों के परिजनों-रिश्तेदारों के सैंपल जांच के लिए एकत्र कर रही है। अभी तक पुलिस 37 लोगों के सैंपल एकत्र कर चुकी है, जो जांच के लिए स्टेट फॉरेंसिक लैब जुन्गा भेजे गए हैं। बता दें कि 31 जुलाई की रात को श्रीखंड की चोटी पर बादल फटने से निरमंड की कुर्पण और समेज खड्ड में बाढ़ आई थी। बाढ़ के बाद रामपुर के समेज गांव से 36 लोग और बागीपुल से सात लोग लापता हैं। इससे पहले तीन शव सतलुज से बरामद हुए थे। डीएनए जांच के बाद स्पष्ट होगा कि अब तक बरामद शव किसके हैं। समेज में सर्च ऑपरेशन में आठ एलएनटी मशीनें तैनात की गई हैं। इसके अलावा स्निफर डाॅग, लाइव डिटेक्टर डिवाइस, स्थानीय लोगों की मदद से लापता लोगों की तलाश की जा रही है।
आपदा राहत पर कंगना रणौत ने प्रदेश सरकार पर साधा निशाना
हिमाचल प्रदेश के मंडी संसदीय क्षेत्र से भाजपा सांसद कंगना रणौत ने मंगलवार को आपदा प्रभावित बाढ़ प्रभावित समेज और गानवीं क्षेत्र का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने प्रभावितों से भी बात की। इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में कंगना रणौत ने प्रदेश सरकार पर जमकर सियासी निशाना साधा। कंगना ने कहा- राज्य सरकार की हालत सभी को पता है। पिछली बार के विस्थापितों से वादा किया था कि केंद्र से जो फंड आया उससे सात-सात लाख सभी को दिए जाएंगे। क्या वो सात लाख मिला? … गांव के लोग खुद अपने हाथों से पुल बना रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी अवश्य पैकेज भेजेंगे। उन्होंने पिछली बार भी 1800 करोड़ रुपये का पैकेज भेजा था, अब भी भेजेंगे।