अनुशासित स्वयंसेवक देश के सुनहरे भविष्य की उम्मीद : सुरेश ठाकुर
रजनीश शर्मा | हमीरपुर
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला टौणी देवी में चल रहे राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के सात दिवसीय शिविर के दूसरे दिन का माहौल अत्यंत उत्साहजनक और प्रेरणादायक रहा। शिविर में आए सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य सुरेश ठाकुर ने स्वयंसेवकों से संवाद किया और उन्हें अनुशासन, नैतिक मूल्यों, और जिम्मेदारी के महत्व पर विशेष मार्गदर्शन दिया। उनका कहना था कि, “अनुशासित स्वयंसेवक ही देश के सुनहरे भविष्य की नींव रखते हैं। जो व्यक्ति अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करता है, वह न केवल स्वयं को, बल्कि पूरे समाज को भी उन्नति के पथ पर ले जाता है।” उन्होंने अपने जीवन के अनुभव साझा करते हुए स्वयंसेवकों को बताया कि समाज में एक छोटा-सा योगदान भी बड़े बदलाव की शुरुआत हो सकता है।
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उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “देश को प्रगति के पथ पर आगे बढ़ाने के लिए सबसे पहले हमें स्वयं के भीतर अनुशासन स्थापित करना होगा।” उनका जोर इस बात पर था कि युवा पीढ़ी को केवल अपने व्यक्तिगत विकास पर नहीं, बल्कि समाज की बेहतरी के लिए भी प्रयास करने चाहिए। स्वयंसेवकों से बातचीत के दौरान उन्होंने उन्हें समर्पण और सेवा भावना से कार्य करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि आज के समय में जहां भौतिकवाद और व्यक्तिगत सफलता को प्राथमिकता दी जाती है, वहीं स्वयंसेवकों का कर्तव्य है कि वे निस्वार्थ भाव से समाज की सेवा करें। ठाकुर ने जोर देकर कहा, “स्वयंसेवक केवल आयोजनों का हिस्सा भर नहीं होते, बल्कि वे परिवर्तन के वाहक होते हैं। देश का भविष्य उनके हाथों में है।” इसके अलावा आज प्रांगण की स्वच्छता पर भी विशेष ध्यान दिया गया। कार्यक्रम अधिकारी विजय कुमार और रीता बाली के नेतृत्व में स्वयंसेवकों ने पूरे परिसर की सफाई की। इस दौरान स्वयंसेवकों ने न केवल कक्षाओं और खुले क्षेत्रों की सफाई की, बल्कि कचरे को अलग-अलग वर्गों में छांटकर कचरा प्रबंधन के प्रति जागरूकता भी दिखाई।
कार्यक्रम अधिकारी विजय कुमार ने कहा, “स्वच्छता केवल बाहरी सफाई तक सीमित नहीं है, यह हमारे विचारों और आचरण में भी होनी चाहिए।” उन्होंने स्वयंसेवकों से आग्रह किया कि वे इस स्वच्छता अभियान को केवल शिविर तक सीमित न रखें, बल्कि इसे अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएं। इसी कड़ी में रीता बाली ने भी कहा, “स्वच्छता से न केवल हमारा पर्यावरण सुरक्षित रहता है, बल्कि यह हमारे स्वास्थ्य और समाज के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।” इस शिविर का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य स्वयंसेवकों में नेतृत्व कौशल का विकास करना भी है । विजय कुमार ने बताया कि स्वच्छता अभियान जैसे छोटे-छोटे कार्य भी टीमवर्क और नेतृत्व के गुणों को निखारते हैं। उन्होंने स्वयंसेवकों को प्रेरित किया कि वे आगे आकर जिम्मेदारियों को निभाएं और दूसरों को भी प्रेरित करें। सत्र के अंत में सभी स्वयंसेवकों ने समूह चर्चा में भाग लिया, जिसमें उन्होंने समाज में स्वच्छता और अनुशासन को बढ़ावा देने के तरीकों पर विचार साझा किए। इस चर्चा में नए विचारों और सुझावों का आदान-प्रदान हुआ, जिससे न केवल शिविर का उद्देश्य सफल हुआ, बल्कि स्वयंसेवकों को भी प्रेरणा मिली।
शिविर के इस सत्र ने सभी प्रतिभागियों को यह संदेश दिया कि अनुशासन और सेवा भावना ही एक उज्ज्वल भविष्य की कुंजी है। स्वयंसेवकों ने यह संकल्प लिया कि वे आगे भी अपने कार्यों के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करेंगे। सुरेश ठाकुर के प्रेरणादायक शब्दों ने न केवल स्वयंसेवकों को प्रेरित किया, बल्कि उन्हें यह एहसास भी कराया कि देश का भविष्य उनके छोटे-छोटे प्रयासों पर निर्भर करता है। अंततः इस विशेष शिविर का यह सत्र स्वयंसेवकों के जीवन में एक नई ऊर्जा और दिशा प्रदान करने में सफल रहा। अनुशासित स्वयंसेवक ही एक सशक्त राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं, और इस शिविर ने इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है।