
शिमला की दो जेलों में बंद कैदियों में 50 फीसदी नशा तस्कर
पोल खोल न्यूज़ | शिमला
हिमाचल प्रदेश कि राजधानी शिमला की दो बड़ी जेलों में बंद 50 फीसदी कैदी नशा तस्करी के हैं। इसमें युवा और महिलाएं भी शामिल हैं। चिट्टा और अन्य नशीले पदार्थों की तस्करी के नेटवर्क को तोड़ने के लिए पुलिस ने मिशन क्लीन चला रखा है। इसके तहत नशा तस्करों के खिलाफ लगातार कार्यवाही की जा रही है। यही वजह है कि वर्तमान में जिले की दो जेल चिट्टा समेत अन्य नशों की तस्करी के मामले में पकड़े कैदियों से भर गई हैं। इसमें प्रदेश के साथ बाहरी राज्यों के तस्कर शामिल हैं।
कैथू जेल में वर्तमान में करीब 280 विचाराधीन और सजायाफ्ता कैदी हैं। इसमें चिट्टा समेत अन्य मादक पदार्थों की तस्करी में पकड़े कैदियों की संख्या 133 है, यानि करीब 50 फीसदी हैं। इसमें 8 महिलाएं भी शामिल हैं। केंद्रीय कारागार कंडा में सजायाफ्ता और विचाराधीन दोनों तरह के कैदियों को रखा जाता है। इसमें करीब 500 कैदी हैं। पुलिस के मुताबिक इसमें से स्वापक औषधि और मन प्रभावी पदार्थ अधिनियम (एनडीपीएस) एक्ट के मामलों में गिरफ्तार कैदियों की संख्या 165 है। इसमें 120 कैदी सजायाफ्ता हैं जबकि 45 विचाराधीन हैं। केंद्रीय कारागार में भी सबसे अधिक कैदी नशा तस्करी से जुड़े मामलों के हैं। नशा तस्करों की इस संख्या को लेकर हर कोई हैरान हैं।
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चिट्टे समेत अन्य नशों की लत लगने के बाद युवा इसकी तस्करी के अवैध कारोबार से जुड़ जाते हैं। चिंता की बात यह है कि इसमें 20 से 35 साल के युवाओं की संख्या अधिक है। पुलिस की जांच में सामने आया है कि नशा तस्करी में कॉलेजों में पढ़ने वाले विद्यार्थी भी पकड़े जा रहे हैं। इसके अलावा किशोर भी नशे के साथ पकड़े जा रहे हैं। गिरफ्तार युवाओं से पूछताछ में पता चला है कि पहले वह नशे के आदी थे और जब उनके परिजनों को इसका पता चला तो उन्हें पैसे देना बंद कर दिया है। इसके बाद नशा तस्करों ने उन्हें नशे के एवज में इसकी तस्करी करने के लिए मजबूर किया।
नशे की लत से युवाओं की बर्बाद हो रही जिंदगी को देखते हुए अब आम लोग भी इसके खिलाफ आगे आने लगे हैं। पुलिस ने आम लोगों की मदद से सोशल इंटेलिजेंस इंटेग्रिटी नेटवर्क सिस्टम तैयार किया है। इसमें महिला मंडलों, युवाओं, टैक्सी चालकों, होटल कर्मियों, पंचायत प्रतिनिधियों को जोड़ा है। इनकी मदद से पुलिस नशा तस्करों की सूचनाएं प्राप्त कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है। डेढ़ साल में 700 से अधिक मुकद्दमों में 12,00 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसमें बाहरी राज्यों के तस्करों के साथ ही कई ऐसे अंतरराज्यीय गिरोह शामिल हैं।
वहीं, एसपी शिमला संजीव कुमार गांधी ने बताया कि जिले में नशा तस्करी के नेटवर्क को तोड़ने के लिए पुलिस ने सोशल इंटेलिजेंस इंटेग्रिटी नेटवर्क सिस्टम तैयार किया है। इसकी मदद से कई अंतरराज्यीय नशा तस्कर गिरोहों को सलाखों के पीछे पहुंचाया है। पुलिस ने नशे के खिलाफ मिशन क्लीन चलाया है। इसके तहत लगातार नशा तस्करों पर कार्रवाई की जा रही है।