संजय कुमार। ऊहल
प्राथमिक स्वस्थ केंद्र उहल असुविधाओं का केंद्र बना हुआ है। सरकारें सत्ताएं बदल रहीं है पर स्वस्थ केंद्र में स्टाफ की कमी एक प्रमुख समस्या बनी हुई है। पूर्व मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र में जनता स्वस्थ सुबिधाओं से मेहरूम हो गयी।
उल्लेखनीय है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र उहल मै प्रयोगशाला तकनीशियन की सेवनिर्विति 2020 में हुई थी, 3 साल बीत जाने पर यह पद खाली पड़ा है। लगभग 12 पंचयात उहल स्वास्थ्य केंद्र से जुड़े हैँ। सभी लोगों को मजबूरन निजी लेबो में जाना पड़ता है। निजी लेब वाले मनमाने दाम बशूल रहें है। ऊपर गर्वबती महिलाओ को एमरजेंसी में मरीजों को 14 किमी दूर टौणी देवी जाना पड़ता है। रेगुलर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र होने के बाबजूद शाम 4:30 के बाद कोई स्टाफ यहाँ उपलब्ध नहीं होता। जनता का स्वास्थ्य राम भरोसे ही है, सरकार के बेहतर स्वास्थ्य सेवाऔ के दावे खोखले सावित हो रहें हैँ।
सिविल अस्पताल टौणी देवी के अधीन स्वास्थ्य केंद्र उहल के चिकत्साको को भी टोणी देवी बुला लिया जाता है यहाँ जनता राम भरोसे जी रहीं है। दर्जनों पंचयतो का स्वास्थ्य राजनीतक हेर फेर का केंद्र बन गया है। वहीं स्थानीय विधायक इन असुबिधाओ को सुविधा में बदलने का जो प्रयास कर रहें है वो भी लाभप्रद साबित नहीं हुए हैँ। स्थानीय ग्रामीणों मै अक्षय, पंकज, निर्मला देवी, विजय, विनोद, पूनम, आशा देवी, कैप्टन भगत सिंह, बलि राम, सुनीता देवी, सुमन चौहान, प्रभात सिंह आदि की मानें तो स्वास्थ्य केंद्र उहल में स्वास्थ्य सेवाएं काफी बेहाल हैं।
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स्थानीय प्रधान सुरेश भाटिया का कहना है कि लेब टेक्निशन और खाली पदों के लिए स्वास्थ्य मंत्री को लिखत शिकायत दें चुके है पर आस्वाशन के अलवा कुछ नहीं हुआ।
उधर खंड चिकत्सा अधिकारी डॉ अभिनीत शर्मा का कहना है कि समय समय पर सरकार को रिक्त पदों के बारे में जानकरी दें दी जाती है, समस्या का जल्द निपटरा किया जायेगा।