
हिमाचल में गाड़ियों में कूड़ेदान जरूरी, वरना भरना पड़ेगा जुर्माना, जानें क्या है नियम…?
पोल खोल न्यूज़ | शिमला
हिमाचल प्रदेश में हर साल लाखों पर्यटक पहुंचते है. जो अपने पीछे टनों कूड़ा छोड़ जाते हैं। ज्यादातर लोग बेतरतीब तरीके से कूड़ा कहीं भी फेंक देते हैं, जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है। प्रदेश सरकार ने प्रदेश को ग्रीन स्टेट बनाने के साथ पर्यटन में अव्वल बनाने की ठानी है। इसी कड़ी में पर्यावरण और हरियाली बचाने के लिए प्रदेश सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। ये प्रयास जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण नियंत्रण, हरित ऊर्जा और जैव विविधता संरक्षण जैसे क्षेत्रों में केंद्रित हैं। वहीं, इस दिशा में सरकार के प्रयास अभी भी जारी हैं। इसी के तहत सरकार ने अब गाड़ियों में डस्टबिन लगाना अनिवार्य कर दिया है। ऐसा ना करने पर भारी-भरकम जुर्माने का भी प्रावधान है। आखिर क्या है ये नियम, कितना लगेगा जुर्माना और ये किसे भरना होगा ?
क्या है नियम और कब से होगा लागू ?
बता दें कि इस नए नियम के मुताबिक हिमाचल प्रदेश में हर कमर्शियल वाहन में कूड़ेदान या डस्टबिन होना अनिवार्य है ताकि गाड़ी में बैठे लोग कचरा सड़क या रास्ते पर ना फैलायें और इसी डस्टबिन या गार्बेज बिन में फेंके। ये नियम फिलहाल टूरिज्म सेक्टर से जुड़े कमर्शियल वाहनों पर लागू होगा। इसके दायरे में सरकारी बसें भी आएंगी और प्रदेशभर में ये नियम 29 अप्रैल से लागू हो चुके है।
ये भी पढ़ें: हिमाचल सरकार बनी युवाओं का सहारा, भविष्य संवारने को दे रही आर्थिक मदद
वहीं, पर्यावरण-विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के निदेशक डीसी राणा ने बताया कि प्रदेश में कूड़े और कचरे की समस्या से निपटने के लिए सरकार ने हिमाचल में वर्ष 1995 में एचपी नॉन बायोडिग्रेडेबलगार्बेजकंट्रोल एक्ट पास किया था, जिसके तहत हिमाचल में एक बार उपयोग होने वाली प्लास्टिक वस्तुएं, खाद्य सामग्री परोसने या उपयोग में लाई जाने वाली कम्पोस्टेबल या बायोडिग्रेडेबल थालियों को सड़कों, ढलानों, नालियों, जंगलों, सार्वजनिक स्थानों, मंदिर परिसरों, रेस्तरां, ढाबों, दुकानों और दफ्तरों आदि में फेंकने पर पांच हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान है। इस एक्ट के अंतर्गत कई वर्षों से बहुत सारे रेगुलेशन प्रदेश सरकार ने जारी किए हैं। अब इसी एक्ट के तहत कमर्शियल व्हीकल में ‘कार बिन्स’ (कूड़ेदान) लगाना अनिवार्य कर दिया है।