
एक कॉल पर पशुओं का उपचार, 31,110 को 50 प्रतिशत अनुदान पर पशु आहार : मुख्यमंत्री
पोल खोल न्यूज़ | शिमला
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि पशुपालन युवाओं के लिए घर-द्वार रोजगार का जरिया बनेगा। साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संबल प्रदान करते हुए प्रदेश के विकास में सहयोगी भी बनेगा। वहीं, प्रदेशभर में मोबाइल वेटरनेरी यूनिट के माध्यम से पशुओं का इलाज किया जा रहा है। बीमार होने पर पशुओं को घर बैठे एक कॉल पर इलाज की सुविधा दी जा रही है। जारी बयान में सीएम ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों की पशुधन पर निर्भरता तथा ग्रामीण आर्थिकी में इसके योगदान को देखते हुए प्रदेश सरकार में पशुपालकों के हित में कई कदम उठाए हैं।
बता दें कि चुनावी गारंटी को पूरा करते हुए सरकार की ओर से गाय और भैंस के दूध पर न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जा रहा है। राज्य सरकार पशुपालकों के हित में विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों का संचालन कर रही है। घर-द्वार पर उत्कृष्ट पशु चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए मोबाइल वेटरनेरी यूनिट की स्थापना की गई है। 44 चिकित्सा पशु वाहन प्रदेशभर में सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। किसी भी प्रकार के रोग अथवा अन्य समस्याओं के लिए 1962 टॉल फ्री हेल्पलाइन आरंभ की गई है। इस दूरभाष के माध्यम से अब तक पशु रोग से संबंधित 18723 तथा अन्य जानकारी से संबंधित 17850 मामले प्राप्त हुए हैं।
उन्होंने कहा कि गरीबी रेखा से नीचे रह रहे पशुपालकों को अभी तक 31 हजार पशुपालकों को 50 प्रतिशत अनुदान पर गर्भित पशु आहार उपलब्ध करवाया गया है। वर्तमान में प्रदेश सरकार प्रतिदिन औसतन 38,400 पशुपालकों से 2 लाख 25 हजार लीटर गाय का दूध 51 रुपये प्रति लीटर के समर्थन मूल्य पर खरीद रही है। इसी प्रकार प्रतिदिन औसतन 1482 पशुपालकों से 7800 लीटर भैंस का दूध 61 रुपये प्रति लीटर समर्थन मूल्य पर गुणवत्ता के आधार पर खरीदा जा रहा है। प्रदेश सरकार ने पायलट आधार पर 70 रुपये प्रति लीटर की दर से बकरी के दूध की खरीद भी आरंभ की है। इसके अलावा नई दुग्ध उपार्जन सहकारी समितियों का गठन किया जा रहा है तथा इनमें अब तक 5166 किसानों को जोड़ा गया है।