
पहले परिवार ने तोड़ा अब बेरोजगारी बनी मुसीबत, 87 वर्षीय मां की बीमारी के इलाज को दरकोटी का 51 वर्षीय जीवन मांग रहा रोजगार
रजनीश शर्मा। हमीरपुर
कहते हैं कि मुसीबत, मजबूरी और संकट किसी पर भी आ सकता है। मुश्किलों के दौर में भी जो आशावादी बन आगे बढ़ता है वहीं कामयाब भी होता है। लेकिन हमीरपुर जिला के टौणीदेवी के पास दरकोटी के 51 वर्षीय जीवन की कहानी कुछ अलग ही है। जीवन की पारिवारिक स्थिति और फिर वैवाहिक समस्या ने उसे मानसिक रूप से परेशान कर दिया। बीच में कोविड काल ने कमर तोड़ कर रख दी। स्थिति इतनी बेहाल हुई कि अब तक कमर सीधी न हो पाई। साथ में 87 वर्षीय मां है जिसकी बीमारी और सेवा पर जीवन पूरा ध्यान दिए हुए है। दिहाड़ी मजदूरी कर जीवन जो पैसा लाता है वह दवाई पर खर्च हो जाता है।
जीवन बताता है कि ग्राउंड 4 सिक्योरिटी की उसने आठ साल की ट्रेनिंग की है । 24 साल का उसका इस फील्ड में एक्सपीरिएंस भी है लेकिन अब गरीबी और घर के हालातों ने उसे तोड़ कर रख दिया है। वह किसी भी बड़े संस्थान में सिक्योरिटी में सेवा कर अपना और अपनी मां को सुखपूर्ण जीवन जीने को बैचेन है लेकिन किस्मत साथ नहीं दे रही।
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इस बारे में जीवन ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से लेकर एन आई टी के डायरेक्टर तक संपर्क किया लेकिन रोजगार की कोई बात सिरे नहीं चढ़ पाई।
जीवन ने बताया कि वह किसी भी फील्ड में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी कर सम्मानपूर्वक जीवन जीना चाहता है। इसके लिए वह लगातार प्रयास भी कर रहा है। अगर कोई उसकी मदद करता है तो वह जिंदगी भर आभारी रहेगा।