नेहा वर्मा। हमीरपुर
आम लोगों को मक्की, कोदरा, रागी, बाजरा और अन्य पारंपरिक मोटे अनाज की महत्ता एवं पौष्टिकता से अवगत करवाने तथा इन अनाज को दैनिक आहार में शामिल करने हेतु प्रेरित करने के लिए नादौन के रामलीला मैदान में ‘ईट राइट मेला’ आयोजित किया जाएगा, जिसकी तिथि जल्द ही निर्धारित की जाएगी। इस मेले के आयोजन को सफल बनाने तथा इसकी रूपरेखा तय करने के लिए बुधवार को एडीसी मनेश यादव ने स्वास्थ्य विभाग, आयुर्वेद, ग्रामीण विकास, महिला एवं बाल विकास, कृषि, शिक्षा, युवा सेवाएं एवं खेल, भाषा, कला एवं संस्कृति और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सभी तरह के पारंपरिक मोटे अनाज पौष्टिक गुणों से भरपूर होते हैं। इन्हें दैनिक आहार में शामिल करने से हम कई तरह की बिमारियों से बच सकते हैं। एडीसी ने कहा कि इन अनाज की महत्ता को देखते हुए ही संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्य में कई पारंपरिक मोटे अनाज जैसे कोदरा, बाजरा और मक्की इत्यादि की खेती की बहुत ही अच्छी संभावनाएं हैं। इनकी खपत बढ़ने पर प्रदेश के किसानों को भी काफी फायदा हो सकता है और वे इनकी खेती से अच्छी आय अर्जित कर सकते हैं।
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बैठक में ‘ईट राइट मेला’ के आयोजन स्थल और इससे संबंधित विभिन्न प्रबंधों को लेकर भी व्यापक चर्चा की गई। एडीसी ने कहा कि आयोजन स्थल पर विभिन्न विभागों और स्वयं सहायता समूहों द्वारा प्रदर्शनी स्टॉल भी लगाए जाएंगे। ग्रामीण विकास विभाग, कृषि विभाग, उद्यान विभाग, महिला एवं बाल विकास और अन्य विभागों के माध्यम से गठित समूहों को भी इसमें शामिल किया जा सकता है। मेले के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम और अन्य गतिविधियां भी आयोजित की जाएंगी। बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरके अग्निहोत्री ने ‘ईट राइट मेला’ के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों ने भी महत्वपूर्ण सुझाव रखे।