
हिमाचल में आफत की बारिश! 18 दिन में इतने करोड़ का नुकसान, 80 लोगों की मौत, 38 अभी भी लापता
पोल खोल न्यूज़ | शिमला
हिमाचल प्रदेश में 20 जून को हुई एंट्री के बाद से ही मानसून तबाही मचा रहा है। हिमाचल प्रदेश के कई स्थानों में बहुत ज्यादा बारिश होने से प्रकृति ने अपना रौद्र रूप दिखाया है। पानी का तेज बहाव अपने साथ कई लोगों को बहाकर ले गया है, जिसमें कई लोगों के शव भी बरामद हो चुके है। वहीं, कई लोगों की आंखें नदी-नालों में जमे मलबे और पत्थरों के ढेर के बीच अपनों को तलाश रही हैं। आसमान से बरस रही आफत की बारिश से प्रकृति ने ऐसा तांडव मचाया है कि प्रदेश में मानसून प्रवेश के 18 दिनों में ही 80 लोगों की मौत हो गई है और 38 लोग अभी भी लापता हैं। वहीं, अब तक 128 लोग घायल हुए हैं. 20 जून से 7 जुलाई तक प्रदेश में हुई भारी बारिश से संपत्ति को 692.65 करोड़ का नुकसान हुआ है।
हिमाचल प्रदेश में कई स्थानों पर भारी बारिश से हो रहे नुकसान का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। राजस्व विभाग के डिजास्टर मैनेजमेंट सेल का मुताबिक प्रदेश में 20 जून से 7 जुलाई तक हुई भारी बारिश के कारण संपत्ति को 692.65 करोड़ का नुकसान हुआ है। वहीं, 6 जुलाई को यही नुकसान का आंकड़ा 572.69 करोड़ का था। वहीं, ऐसे में पिछले 24 घंटों के दौरान 120.65 करोड़ के नुकसान का और आकलन हुआ है। इस तरह से हर रोज नुकसान का आंकड़ा करोड़ों में बढ़ रहा है। वहीं, हिमाचल में 20 जून से 7 जुलाई तक 80 लोगों की जान चली गई है। इसमें बिलासपुर जिले में 7 लोगों की मौत हुई है. इसी तरह से चंबा में 9, हमीरपुर में 5, कांगड़ा में 13, किन्नौर में 3, कुल्लू में 6, लाहौल स्पीति में 1, मंडी में 20, शिमला में 5, सिरमौर में 2, सोलन में 3 व ऊना जिले में 6 लोगों की जान चली गई है।
जल शक्ति विभाग को सबसे ज्यादा नुकसान
हिमाचल में 20 जून से 7 जुलाई तक बादल फटने की घटनाओं, बाढ़ आने और भारी बारिश से लैंडस्लाइड के कारण अब तक जल शक्ति विभाग को सबसे अधिक 391.68 करोड़ का नुकसान झेलना पड़ा है। वहीं, 6 जुलाई को ये ही नुकसान का आंकड़ा 305.65 करोड़ का था। प्रदेश भर में बहुत सी पेयजल योजनाएं पानी के तेज बहाव की चपेट में आ गई हैं। वहीं, लैंडस्लाइड की वजह से पेयजल लाइनें टूट गई हैं. कई पेयजल योजनाएं मलबे की वजह से तबाह हो गई हैं। प्रदेश भर में अभी भी 174 पेयजल योजनाएं बाधित हैं। हालांकि जल शक्ति विभाग के कर्मचारी दिन रात पानी की आपूर्ति को बहाल करने के लिए कठिन हालातों में फील्ड पर पेयजल योजनाओं के मरम्मत कार्यों में जुटे हैं। जिस कारण कई स्थानों पर अस्थाई तौर पर पानी की सप्लाई की व्यवस्था की जा चुकी है।
PWD को 292.75 करोड़ का नुकसान
हिमाचल प्रदेश में मानसून की एंट्री के बाद से प्रदेश में हर रोज नुकसान का आंकड़ा बढ़ रहा है। मानसून ने लोक निर्माण विभाग को भी गहरे जख्म दिए हैं। लोक निर्माण विभाग को 18 दिनों में 292.75 करोड़ का नुकसान झेलना पड़ा है। वहीं, 6 जुलाई को ये नुकसान का आंकड़ा 259.55 करोड़ का था। प्रदेश में भारी बारिश से हुए लैंडस्लाइड, डंगे गिरने और पानी के तेज बहाव के साथ मलबा और पत्थर गिरने से सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं, जिन्हें दिन रात फील्ड में मशीनों के जरिए बहाल करने की कोशिश की जा रही है, प्रदेश में 235 सड़कें अभी भी अवरुद्ध हैं।
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में इस मानसून सीजन में अब तक हुए भारी बारिश से 72 पक्के घर और 92 कच्चे घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसी तरह से प्रदेश में अब तक 48 पक्के घरों और 143 कच्चे घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा 27 दुकाने व 364 गौशालाएं ध्वस्त हो गई है। वहीं, प्रदेश में भारी बारिश से अब तक 253 पशुओं की मौत हो चुकी है।