
चंडीगढ़-मनाली एनएच पर दरकी पहाड़ी, राज्य में 387 सड़कें बाधित
पोल खोल न्यूज़ | शिमला/ मंडी
हिमाचल प्रदेश के कई भागों में बीती रात भारी बारिश दर्ज गई की। इससे जगह-जगह भूस्खलन व जलभराव हो गया। राज्य में शनिवार सुबह 10:00 बजे तक चार एनएच सहित 387 सड़कें बाधित थीं। 747 बिजली ट्रांसफार्मर व 249 जल आपूर्ति योजनाएं भी प्रभावित हैं। उधर, चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर मंडी-कुल्लू मार्ग के बीच स्थित पंडोह डैम से आगे कैंची मोड़ पर शनिवार सुबह करीब 4:00 बजे भारी भूस्खलन के चलते चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पूरी तरह से बंद हो गया।
बड़े-बड़े पत्थर और मलबा सड़क पर गिर गया, जिससे राजमार्ग का एक हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और सतह पर दरारें दिखाई देने लगीं। लगभग पांच घंटे बाद इसे आवाजाही के लिए खोला गया। शुक्रवार को भी नौ घंटे की मशक्कत के बाद हाईवे बहाल किया गया। यह मार्ग दोबारा शनिवार सुबह चट्टानें और मलबा आने के कारण अवरुद्ध हो गया। इस भूस्खलन के कारण न केवल हाईवे पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया था, बल्कि कुल्लू से नूरपुर जा रहा एक शव वाहन भी कैंची मोड़ के पास फंस गया था। वाहन चालक रूप लाल ने बताया कि वह सुबह 4:00 बजे से रास्ता खुलने का इंतजार कर रहे थे, एनएचएआई की मशीनरी लगभग सुबह 9:00 बजे मौके पर पहुंची और रास्ता बहाल हुआ।
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शिवाबदार गांव को जोड़ने वाला वैकल्पिक रास्ता पहले ही टूट चुका है और अब दोबारा भूस्खलन के कारण यह मार्ग पूरी तरह से बंद हो गया है। गांव का संपर्क लगातार दूसरे दिन भी पूरी तरह कटा हुआ है। स्थानीय लोगों और फंसे यात्रियों का आरोप है कि लगभग पांच घंटे बीत जाने के बाद मलबा हटाने की मशीनें साइट पर पहुंचीं और न ही कोई एनएचएआई का अधिकारी मौके पर पहुंचा था। सिर्फ पुलिस कर्मचारी माैके पर थे। इससे हाईवे पर फंसे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। कटोला-बजौरा जैसे वैकल्पिक मार्गों से कुछ छोटे वाहन निकाले जा रहे हैं, लेकिन भूस्खलन की आशंका के चलते वह रास्ता भी पूरी तरह सुरक्षित नहीं माना जा रहा।