
दीक्षा ठाकुर | पोल खोल न्यूज़ डेस्क
शिमला
हिमाचल प्रदेश में वन संपदा के संरक्षण के लिए वन अधिनियम के तहत नियमों को और सख्त किया जा रहा है। वन विभाग की ओर से इसे लेकर प्रदेश सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। पेड़ों को काटने पर मौजूदा समय में पेड़ के आकार के आधार पर डैमेज रिपोर्ट काटने का प्रावधान है। आमतौर पर 10 से 15 हजार रुपये तक जुर्माना लगाया जाता है, लेकिन इसे अब न्यूनतम 50 हजार रुपये करने की तैयारी है।
इसके अलावा निर्माण कार्य के दौरान जंगलों में मलबा ठिकाने लगाने वालों पर भी कड़ी कार्रवाई करने का प्रस्ताव है। ठेकेदार निर्माण के दौरान निकलने वाला मलबा चोरी-छिपे सड़क किनारे जंगलों में ठिकाने लगाते हैं, जिससे बहुमूल्य वन संपदा को भारी नुकसान होती है। इतना ही नहीं, बड़े प्रोजेक्टों के निर्माण के दौरान डंपिंग साइट चिह्नित न होने पर भी जंगलों को नुकसान पहुंचाया जाता है। आग से जंगलों को होने वाले नुकसान की सूरत में जानबूझ कर आग लगाने वालों के खिलाफ भी कार्रवाही होगी।
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वन सम्पदा को नुकसान पहुंचाने पर अब भारी भरकम जुर्माना चुकाना होगा। निर्माण कार्य के लिए जानबूझ कर पेड़ सुखाने पर भी कड़ी कार्रवाई का प्रावधान किया जा रहा है। शहरी क्षेत्रों विशेषकर शिमला शहर में भवन निर्माण के लिए प्लाट खाली करने को तेजाब डालकर हरे पेड़ सुखाए जा रहे हैं, ऐसा करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाही के प्रावधान का प्रस्ताव है। आग से जंगलों को होने वाले नुकसान की सूरत में जानबूझकर आग लगाने वालों के खिलाफ भी कार्रवाही होगी।