
पोल खोल न्यूज़ | कांगड़ा
तपोवन में हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन भारतीय स्टांप (हिमाचल प्रदेश द्वितीय संशोधन) विधेयक 2023 व हिमाचल प्रदेश जल विद्युत उत्पादन पर जल उपकर संशोधित विधेयक को सदन में चर्चा के बाद पारित कर दिया गया। वहीं, इसके साथ ही एक अन्य हिमाचल प्रदेश जीव अनाशित कूड़ा-कचरा नियंत्रण संशोधन विधेयक 2023 को बगैर चर्चा के पारित कर दिया गया। विधेयक के अनुसार पहली बार खनन पट्टे की लीज और कंपनी हस्तांतरण पर स्टांप शुल्क का भुगतान करना होगा। अब तक इस अधिनियम में कंपनियों की ओर से संपत्ति के हस्तांतरण पर स्टांप शुल्क लगाने का प्रावधान नहीं था, जिसकी वजह से कई मुकदमे सामने आते रहे हैं।
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इस समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार की ओर से दूसरा संशोधन विधेयक लाया गया है, क्योंकि भारतीय स्टांप अधिनियम की अनुसूची-1 ए में इसके लिए प्रावधान करना आवश्यक है। साथ ही खनन पट्टे की लीज पर भी स्टांप शुल्क लगाने का प्रावधान किया है। कंपनी हस्तांतरण पर स्टांप शुल्क बाजार मूल्य का 8 फीसदी और खनन पट्टे पर बाजार मूल्य या वार्षिक रॉयल्टी का 6 फीसदी स्टांप शुल्क लगाना प्रस्तावित किया गया है। वहीं जल उपकर संशोधित विधेयक के तहत हिमाचल प्रदेश में अब जल उपकर आयोग का नाम बदलकर जल आयोग होगा।