
दीक्षा ठाकुर | हमीरपुर
नौनिहालों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषक तत्वों पर आधारित भोजन दिया जाता है। अब इसमें हल्का बदलाव किया गया है। चीनी की जगह चक्कर को शामिल किया गया है। पोषण तत्वों से लबरेज शक्कर नौनिहालों के खाने में शामिल करने के पीछे का कारण भी पौष्टिक आहार देना है। ट्रायल सफल रहा तो स्थायी तौर पर शक्कर ही आंगनबाड़ी केंद्रों में मिलेगी।
प्रदेश के 18,925 आंगनबाड़ी केंद्रों में लाखों नौनिहालों को यह शक्कर खेप भेज दी गई है। मुख्य तौर पर दलिया में चीनी की जगह शक्कर का इस्तेमाल होगा। सर्दियों के लिए शक्कर गुणकारी मानी जाती है।
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शक्कर खाने के फायदे
आयुर्वेद के अनुसार बच्चों को शक्कर का संतुलित और मात्रा में सेवन करने से कई फायदे हो सकते हैं। यह ऊर्जा प्रदान करता है। संतुलित सेवन मस्तिष्क की क्रियाशीलता को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है। जिससे बच्चों का मानसिक समर्थन बढ़ सकता है।
शक्कर को संतुलित रूप से आहार में शामिल करने से बच्चों का भोजन संतुलित होता है और उन्हें आवश्यक पोषण मिलता है। छोटी मात्रा में शक्कर का सेवन पाचन शक्ति को उत्तेजित कर सकता है, जिससे खाद्य सामग्री को ठीक से पचा जा सकता है। बच्चों के शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायक हो सकता है।