पोल खोल न्यूज़ डेस्क
शिमला
राज्य सचिवालय में शिक्षा सचिव राकेश कंवर की अध्यक्षता में हुई बैठक में वर्ष 2024-25 और 2025-26 के लिए बजट प्रस्ताव तैयार किया गया।
हिमाचल प्रदेश में गुणात्मक शिक्षा का दायरा बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार से 2200 करोड़ रुपये का बजट मांगा जाएगा। राज्य सचिवालय में शिक्षा सचिव राकेश कंवर की अध्यक्षता में हुई बैठक में वर्ष 2024-25 और 2025-26 के लिए बजट प्रस्ताव तैयार किया गया। दिल्ली में फरवरी में होने वाली प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक में इस बजट प्रस्ताव को रखते हुए प्रदेश में शुरू की जाने वाली नई योजनाओं से शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा।
प्रदेश की ओर से वोकेशनल शिक्षा, आईसीटी लैब, वर्दी, किताबों, वेतन और शिक्षकों के प्रशिक्षण सहित स्मार्ट क्लासरूम बनाने और खेल गतिविधियों को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार से बजट मांगा जाएगा। मंगलवार को समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशालय ने वित्त वर्ष 2024-25 और 2025-26 की वार्षिक कार्ययोजना में पुस्तकालयों को मजबूत करने, डिजिटलाइजेशन को बढ़ाने के लिए कई योजनाएं तैयार की हैं। इन सभी योजनाओं को प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक में रखा जाएगा।
बजट प्रस्ताव में वोकेशनल शिक्षा के तहत स्कूलों में नए कोर्स शुरू करने, सरकारी स्कूलों में नर्सरी और केजी कक्षाओं का दायरा बढ़ाने की मांग को भी शामिल किया गया है। नर्सरी-केजी कक्षाओं को जेबीटी से पढ़ाने या नर्सरी टीचर ट्रेनिंग करने वाले शिक्षकों की भर्ती करने को लेकर भी दिल्ली में होने वाली बैठक में चर्चा की जाएगी। इसके अलावा विशेष बच्चों के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के साथ मिलकर शिक्षा देने के लिए काम करने की भी योजना बनाई गई है।
इसके लिए विशेष टीचर भी तैनात किए जाएंगे। शिक्षा सचिव ने बताया कि शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता लाने को अब केंद्र सरकार को दो साल का प्रस्ताव एक साथ भेजा जाएगा। भारत सरकार ने एक साल का प्रस्ताव भेजने की प्रक्रिया को समाप्त कर दिया है। प्रदेशभर के जिला परियोजना अधिकारियों सहित उच्च और प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय के साथ समन्वय बनाकर प्रस्ताव तैयार किया गया है। बैठक में समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक राजेश शर्मा, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक आशीष कोहली और उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत शर्मा सहित कई अन्य अधिकारी मौजूद रहे।