
करवाचौथ पर सरोजनी नगर, सदर बाजार और लाजपत नगर समेत दूसरी मार्केट्स में भारी भीड़
बाजारों में रौनक देख कारोबारियों के चेहरे पर छाई रौनक
Pol Khol News
नई दिल्ली।
करवाचौथ का उल्लास बाजारों में भी तेजी से नजर आ रहा है। कारोबारियों के चेहरे पर खुशी के साथ बाजार भी खिल उठे हैं। सरोजनी नगर, सदर बाजार, लाजपत नगर समेत दूसरे बाजारों में सूट, साड़ियां, कालीन, गहने व शृंगार समेत अन्य सामान आकर्षण के केंद्र बने हुए हैं। वहीं, मौसम के रुख के चलते महिलाएं करवाचौथ की संध्या से पहले ही मेहंदी लगातीं व बुकिंग करातीं नजर आ रही हैं। उधर, बाजारों में आए उछाल को देखते हुए कारोबारियों का अनुमान है कि अकेले दिल्ली में करवाचौथ का कारोबार 1500 करोड़ रुपये का हो सकता है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर आंकड़ा 15000 करोड़ रुपये का है।
सरोजनी नगर मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक रंधावा ने बताया कि पिछले सप्ताह तक बाजार में खरीदारों की संख्या 40-50 हजार थी, लेकिन करवाचौथ के चलते अचानक यह संख्या डेढ़ लाख पार कर गई। जहां तक बात इस बाजार में साड़ियों की बिक्री की है, तो करीब पांच से दस करोड़ का कारोबार तो कहीं नहीं गया। वहीं, अन्य सामान को भी खरीदने में भी लोगों ने खूब रुचि दिखाई।
कई साल बाद लौटी ग्राहकों की संख्या
सरोजनी नगर स्थित जेके साड़ी के दुकानदार भाटिया के अनुसार, बाजार में खरीदारों की यह संख्या कई साल बाद लौटी है। ग्राहकों की संख्या इतनी अधिक है कि कई खरीदारों को अटेंड ही नहीं कर पा रहे। राजधानी के अलावा भी उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, इत्यादि राज्यों से आए खरीदारों ने अनारकली सूट, सिरोस्की डिजाइन वाली साड़ी, बनारसी साड़ी, शिफॉन की साड़ी, चिकनकारी सूट समेत कई दूसरे डिजाइन के कपड़े खरीदे।
राय स्तर पर 15 हजार करोड़ का व्यापार होगा : कैटष्ट्री
कारोबारियों के संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) का अनुमान है कि इस साल दिल्ली में करवाचौथ का कारोबार 1500 करोड़ रुपये तक जाएगा। कैट अध्यक्ष बीसी भरतिया एवं महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि करवाचौथ पर खरीदारी को लेकर दिल्ली सहित देशभर के बाजारों में काफी रौनक है। उम्मीद है कि राष्ट्रीय स्तर पर करवाचौथ का कारोबार 15 हजार करोड़ का होगा।
हर सामान की काफी मांग
कारोबारियों का कहना है कि महिलाएं ज्वेलरी से लेकर कपड़े, मेकअप सामग्री, पूजा कैलेंडर एवं पूजा सामग्री लेने आ रही हैं। खासकर पूजा के लिए करवा, छलनी, दीया, फूलबत्ती व पूजा से जुड़ीं अन्य सामग्री की खरीदारी कर रही हैं। इसके अलावा महिलाएं कथा की किताब भी खरीद रही हैं और शृंगार की वस्तुओं में कांच की लाल चूड़ियां, बिछिया, पायल, लाॅकेट एवं चूड़ा सहित विभिन्न प्रकार की करवे की थाली खरीदने में लगी हैं। इस बार चांदी से बने करवे भी बाजार में उपलब्ध हैं और महिलाएं उन्हें खरीदने में रुचि ले रही है। लाजपत नगर में खरीदारी करने आईं आशा ने बताया कि वह प्रतिवर्ष मिट्टी के दीये, अगरबत्ती, इत्यादि सामान स्टॉल से ही खरीदती हैं। उनका मानना है कि बड़ी दुकानों से हर कोई खरीदारी करता है। हमें लघु उद्योगों का भी समर्थन करना चाहिए।