
पोल खोल न्यूज़ | कांगड़ा
शातिर ठग आए दिन लोगों को ठगने के नए-नए तरीके अपना रहे हैं। इसी कड़ी में अब आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) के जरिए भी शातिरों ने लोगों को ठगना शुरू कर दिया है। जिला कांगड़ा में एआई के जरिए दो लोगों से 35 लाख रुपए की ठगी हो चुकी है। बात करें साइबर थाना नार्थन रेंज धर्मशाला की तो यहां एआई के जरिए ठगी के 15-20 मामले आ रहे हैं। हाल ही में सामने आए दो मामलों में साइबर थाना जांच में जुटा हुआ है।
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जानकारी के लिए कि साइबर ठगों ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी एआई को ठगी का नया हथियार बना लिया है। ठगों ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जरिए किसी की नकली आवाज तैयार करके ठगी करते हैं। हालांकि पुलिस की ओर से लोगों को एआई से सतर्क रहने की बात कही जाती है, लेकिन एआई के माध्यम से ठग ऐसी आवाज तैयार करते हैं कि कॉल लेने वाले को एहसास ही नहीं होता कि कॉल करने वाला उसका कोई अपना नहीं, बल्कि साइबर ठग है।
वहीं, उदाहरण के तौर पर किसी का बच्चा बाहर रहता है, ऐसे में शातिर ठग उस बच्चे की आवाज एआई के माध्यम से निकालकर किसी रिश्तेदार या परिजनों को फोन करके कहीं फंसने या पैसों की जरूरत होने की बात कहकर ठगी को अंजाम दे रहे हैं। विशेषज्ञों की मानें तो यदि एआई के माध्यम से ठगी से बचने के लिए इस तरह की कॉल आए तो उसे तुरंत काट दें। साथ ही एआई का इस्तेमाल करके यदि कोई पैसों की मांग करे तो कॉल लेने वाले पहले यह जांच लें कि कॉल करने वाला रिश्तेदार है भी या नहीं।
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वहीं, एएसपी, साइबर थाना नार्थन रेंज धर्मशाला प्रवीण धीमान ने कहा कि साइबर थाना धर्मशाला में एआई के माध्यम से ठगी के 15 से 20 मामले सामने आ रहे हैं। अभी हाल ही में 2 मामले इसी तरह के सामने आए हैं, जिन पर साइबर थाना द्वारा जांच की जा रही है। इनमें से एक मामला देहरा और नूरपुर का है, जिसमें करीब 35 लाख रुपये की ठगी हुई है।
वहीं, इसके अलावा एआई वॉयस स्कैम की तरह ही वीडियो कॉल स्कैम भी खूब हो रहे हैं। इसमें साइबर ठग डीपफेक और एआई का इस्तेमाल कर लोगों को उनका परिचित बनकर वीडियो कॉल करते हैं और किसी न किसी बहाने पेमेंट करा लेते हैं। वहीं, कई बार डीपफेक से अश्लील तस्वीरें या वीडियो बनाकर लोगों को ब्लैकमेल तक किया जाता है। इसलिए सावधान रहें, सतर्क रहें और फ्रॉड से खुद को बचाएं।