पोल खोल न्यूज़ | सोलन
किसान आंदोलन के चलते पिछले तीन दिनों से कोई भी ट्रक दिल्ली के लिए नहीं गया है। जिससे एशिया की सबसे बड़ी ट्रक यूनियन नालागढ़ को प्रतिदिन पांच लाख रुपए का नुकसान हो रहा है। बता दें कि प्रतिदिन 200 से 250 ट्रक दिल्ली को जाते थे। ट्रक यूनियन नालागढ़ में दस हजार से अधिक ट्रक व इतने ही छोटे ट्रक व टेंपू हैं। यूनियन के नालागढ़, बद्दी व बरोटीवाला स्थित यूनियन के कार्यालयों में ट्रक संचालकों के लिए दिल्ली के लिए ट्रकों की मांग तो रखी जाती है, लेकिन किसान आंदोलन के चलते कोई भी ट्रक संचालक दिल्ली जाने को तैयार नहीं है।
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पहले पंजाब व हरियाणा के अंबाला स्थित शंभू बॉर्डर पर ही बंद था, जिससे ट्रक चालक हरियाणा के यमुनानगर होते हुए निकल जाते थे, किसान को जैसे ही इस रास्ते का पता चला तो जगह-जगह किसानों ने नाके लगा दिए जिससे कोई भी सामान दिल्ली नहीं जा रहा है न ही दिल्ली से कोई कच्चा माल आ रहा है। प्रति दिन ट्रक संचालकों को 5 से 6 लाख रुपये का नुकसान हो रहा है।
प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन से प्रति दिन एक हजार ट्रक रवाना होते है। सभी ट्रक दिल्ली हो कर ही अगले राज्यों में जाते है पर दिल्ली का रास्ता होने से सैकड़ों ट्रक रास्ते में खड़े हैं। ट्रक संचालक कृष्ण कौशल, हरनेक ठाकुर, दिनेश कौशल ने बताया कि जो ट्रक उनके बाहर सामान लेकर गए थे वह भी पंजाब व हरियाणा के बॉर्डर पर फंस गए हैं। यह ट्रक न तो वापस आ रहे और न ही आगे को जा पा रहे हैं।
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उधर, बीबीएन के एपलाईंसिस, धागा, गत्ता, दवा सीमेंट उद्योग भी इस बंद से काफी प्रभावित हो रहे है। धागा मिलों में बाहर से आने वाला कच्चा माल नहीं आ रहा है। वहीं बीबीएन से सभी एप्लाईंसिस उद्योगों में तैयार होने वाले की दिल्ली में मार्केट है लेकिन पिछले चार दिन से बीबीएन से कोई भी सामान नहीं गया है। बीबीएनआईए के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल, मुख्य सलाहकार शैलेष अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष राजीव गुलेरिया ने बताया कि किसान आंदोलन अगर जल्द ही समाप्त नहीं हुआ तो प्रदेश का सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र बंद हो जाएगा।