
Himachal : निर्दलीय विधायकों का इस्तीफा नहीं हुआ स्वीकार
पोल खोल न्यूज़ | शिमला
हिमाचल प्रदेश के सियासी घटनाक्रम के बीच राज्य के तीन निर्दलीय विधायकों ने इस्तीफा दे दिया। हालांकि इस मामले में अब एक बड़ी खबर आई है। हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष ने तीनों निर्दलीय विधायकों का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा, ‘हमें उनके इस्तीफे मिल गए हैं लेकिन हम इसके लिए नियमों और संवैधानिक प्रावधानों की जांच कर रहे हैं, अभी तक हमने उनके इस्तीफे स्वीकार नहीं किए हैं।’
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दरअसल, इस्तीफा देने वाले तीनों निर्दलीय विधायक 27 फरवरी के चुनाव में भाजपा के राज्यसभा उम्मीदवार को वोट दिए थे। 22 मार्च को तीनों ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। हालांकि विधानसभा स्पीकर ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया। विधानसभा स्पीकर ने बताया कि वह नियमों और संवैधानिक प्रावधानों की जांच कर रहे हैं।
विधानसभा सचिव यशपाल शर्मा ने कहा कि तीन निर्दलीय विधायकों- होशियार सिंह, केएल ठाकुर और आशीष शर्मा ने शुक्रवार को उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया और जिसे अंतिम निर्णय के लिए विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया के समक्ष रखा जाएगा।
इस्तीफा देने के बाद तीनों निर्दलीय विधायकों ने कहा कि वे भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं और वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा का समर्थन करेंगे। आशीष शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की ओर से उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। उन्होंने कहा कि उन्हें भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन को वोट देने के अपने फैसले पर कोई पछतावा नहीं है लेकिन राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान करने के बाद उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है।
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निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा ने आगे कहा कि वह भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ेंगे और जनता उनका समर्थन करेगी। वहीं होशियार सिंह ने कहा कि उन्होंने अपना इस्तीफा इसलिए दिया क्योंकि चुनाव लड़ने के बाद वे इसे लोगों तक नहीं पहुंचा सके। केएल ठाकुर ने कहा कि सुक्खू सरकार द्वारा उन्हें लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है और उन्हें अपना पारिवारिक व्यवसाय चलाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। उन्होंने कहा कि उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था लेकिन अब भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने उन्हें पार्टी में सम्मान देने का वादा किया है।
वहीं, मीडिया के एक सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वे कांग्रेस सरकार को दोष नहीं दे सकते क्योंकि उन्हें कांग्रेस के टिकट पर वोट नहीं मिला था और हेलीकॉप्टर में उड़ान भरने और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के सुरक्षा घेरे में रहने के बाद निर्दलीय विधायक ऐसा व्यवहार कर रहे थे मानो वे कांग्रेस के विधायक हों।’ हालांकि सीएम सुक्खू ने कहा कि उनकी सरकार निर्दलीय विधायकों के साथ कभी भेदभाव नहीं करती है और वे राज्य में रहने और अपने मतदाताओं की सेवा करने के लिए स्वतंत्र हैं।