आखिर क्यों मनाते हैं “GOOD FRIDAY”, क्या है इसका महत्व…..जानें यहाँ
POL KHOL NEWS DESK | HAMIRPUR
गुड फ्राइडे ईसाई धर्म के लोगों द्वारा मनाया जाने वाला वह त्योहार है, जिसका नाम सुनने से लगता है कि यह कोई जश्न होगा। लेकिन ऐसा नहीं है। गुड फ्राइडे को शोक दिवस के तौर पर मनाया जाता है। गुड फ्राइडे को ग्रेट फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे या होली फ्राइडे भी कहते हैं। इस साल गुड फ्राइडे 29 मार्च यानि आज है। कहते हैं जब यहूदी शासकों ने ईसा मसीह को तमाम शारीरिक और मानसिक यातनाएं देने के बाद सूली पर चढ़ाया था तो उस दिन शुक्रवार था। चूंकि ईसा मसीह ने मानव जाति के लिए हंसते-हंसते अपना जीवन कुर्बान कर दिया, इसलिए इस शुक्रवार को ईसाई धर्म के लोग ‘गुड फ्राइडे’ के रूप में मनाते हैं। इस दिन को ईसाई धर्म को मानने वाले कुर्बानी दिवस के रूप में मनाते हैं।
गुड फ्राइडे का इतिहास
मान्यता है कि लगभग 2000 साल पहले प्रभु यीशु लोगों को एकता, अहिंसा, मानवता, भाईचारे और शांति का पाठ देते थे और उसी दौरान वे काफी लोकप्रिय होते चले गए। तब वहां के धर्मगुरुओं अपनी लोकप्रियता छिन जाने का डर सताने लगा और उन्होंने यीशु मसीह को मानवता का शत्रु करार दिया। लेकिन इस घोषणा के बाद भी यीशु मसीह की लोकप्रियता पर कोई आंच नहीं आई। अंत में ईसा मसीह पर राजद्रोह का आरोप लगाकर मृत्युदंड देने की घोषणा की। इस घोषणा के बाद ईसा मसीह को कई शारीरिक यातनाएं जैसे कोड़े बरसाना, चाबुक से मारना, कांटों का ताज पहनाना आदि दी गईं और आखिर में उनके पैरों और हाथों में कीले गाढ़ कर क्रॉस पर लटका दिया गया। ईसाइयों के पवित्र ग्रंथ बाइबल के मुताबिक, लगभग 6 घंटे तक ईसा मसीह को कीड़ों से ठोका गया और लटकाया गया था। उसी दौरान आखिर के 3 घंटे पूरे राज्य में अंधेरा छा गया और यीशु मसीह के प्राण त्यागने के बाद कब्रे टूटने लगी और ज़लज़ला आ गया। इसी कारण गुड फ्राइडे मनाया जाने लगा।
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ऐसे मनाते हैं गुड फ्राइडे
गुड फ्राइडे के दिन ईसाई धर्म के लोग दोपहर 3:00 बजते ही चर्च में इकट्ठा हो जाते हैं और अपने द्वारा की गई गलतियों की माफी मांगते हैं। इसके अलावा ईसा मसीह को श्रद्धांजलि देते हैं और काले रंग के कपड़े पहन कर अपना शोक प्रकट करते हैं। बता दें कि गुड फ्राइडे के दिन चर्च में घंटी नहीं बजती। हालांकि ये पूरा सप्ताह ईसाई धर्म के लोगों के लिए पवित्र होता है लेकिन वह चर्च में किसी भी प्रकार का उत्सव नहीं मनाते हैं।