
सावधान ! PM हेल्थ कार्ड के APK लिंक के जरिए शातिर दे रहे ठगी को अंजाम
पोल खोल न्यूज़ | कुल्लू
हिमाचल प्रदेश में आए दिन साइबर क्राइम के मामले सामने आ रहे हैं। शातिरों द्वारा नए-नए तरीके अपना कर लोगों को ठगा जा रहा है। कुल्लू जिले में दो मामलों के तहत शातिरों ने लाखों की ठगी की है। उपमंडल आनी में पीएम हेल्थ कार्ड के जरिए शातिरों ने साढ़े चार लाख रुपए की ठगी को अंजाम दिया है। आनी पुलिस ने केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
वहीं, डीएसपी आनी चन्द्रशेखर कायथ ने बताया कि पहले मामले में आनी खंड की पोखरी पंचायत के प्रधान भीमसेन साइबर ठगी का शिकार हुए हैं। प्रधान भीमसेन ने पुलिस थाना आनी व साइबर सेल में मामला दर्ज करवा दिया है। शिकायतकर्ता ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि 28 अक्टूबर को उनके एक परिचित व्यक्ति ने पीएम हेल्थ कार्ड का लाभ उठाने के लिए एक संदेश व APK फाइल लिंक भेजा। जिसे ओपन करने के कुछ समय बाद उनके बैंक से लिंक मोबाइल नंबर पर ओटीपी आते रहे, लेकिन उन्होंने न तो ओटीपी किसी के साथ शेयर किए और न ही किसी तरह का कोई लेन-देन किया। कुछ ही देर में उन्हें उनके खाते 3,30,900 रुपए निकाले जाने का मैसेज आया, जिसके बाद उन्होंने बैंक के टोल फ्री नंबर पर शिकायत की तो पता चला कि उनके अकाउंट से पैसे मनीमाजरा (चंडीगढ़) में किसी बैंक खाते में ट्रांसफर हुए हैं।
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वहीं, दूसरे मामले में साइबर ठगी का शिकार बीमा एजेंट का काम करने वाले महेंद्र सिंह हुए हैं। महेंद्र सिंह ने भी 30 अक्टूबर को मोबाइल पर किसी द्वारा भेजा गया पीएम हेल्थ कार्ड का लिंक खोला। जिसके बाद शातिरों ने उनके बैंक खाते से पहली बार 93 हजार रुपए और दूसरी बार 28 हजार रुपए निकाल लिए। पुलिस ने दोनों मामलों में केस दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।
डीएसपी आनी चन्द्रशेखर कायथ ने बताया कि भीमसेन और महेंद्र सिंह ने जब APK लिंक खोला तो उनके मोबाइल फोन की स्क्रीन शातिरों के साथ शेयर हो गई। इसके बाद दोनों के मोबाइल फोन पर बैंक के ओटीपी आते रहे। जिन्हें देखकर शातिर इनके बैंक खातों से पैसे निकालते रहे। इलाके में कई स्थानीय प्रतिष्ठित लोगों ने विभिन्न व्हाट्सएप ग्रुप में इस तरह के मैसेज शेयर किए थे। आनी में कई लोग इस ठगी के शिकार बताए जा रहे हैं, लेकिन अभी तक दो मामले ही दर्ज हुए हैं। पुलिस ने मामले में आगामी जांच शुरू कर दी है।
डीएसपी आनी चन्द्रशेखर कायथ ने बताया, “एपीके यानी एंड्रायड पैकेजिंग किट में एक एप्लीकेशन कोड होता है। इस फाइल से फोन में वायरस इंस्टॉल किया जाता है। इससे आपके फोन का कांटेक्ट लिस्ट, बैंकिंग डिटेल, गैलरी व जरूरी जानकारी तक का ठगों को एक्सेस मिल जाता है। ठग इससे फोन हैक कर आपको बड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं।