Neha Verma | Hamirpur
खट्टा हिमाचल और उतराखंड दोनों पहाड़ी राज्यों में बनाया जाने वाला एक चाट है। इसे संतरा प्रजाति के फलों जैसे की किम्ब, स्युइसार, खट्टा, गलगल, पहाड़ी नींबू आदि से बनाया जाता है। विटामिन सी की अधिकता होने के कारण खट्टा स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत ही लाभदायक होता है। लाजवाब स्वाद और रोगप्रतिरोधक क्षमता के कारण आज भी यह अपनी लोकप्रियता के चरम पर है।
सर्दियों में हिमाचल की महिलाएं इसे सर्दी की गुनगुनी धुप में फुर्सत के क्षणों में धुप सेकते हुए बनाती और खाती है।
सामग्री
- 2 पके हुए पीले रंग के गलगल/खट्टा
- 1 कटोरी हरा धनिया
- 0.5 कटोरी पुदीने की पत्तियां
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- 2 टुकड़े हरी/लाल मिर्च
- 3 चम्मच गुड़ पाउडर
- 0.5 चम्मच काला नमक
- 0.25 चम्मच जीरा
गलगल का खट्टा बनाने का तरीका
- बड़ा गलगल/खट्टा लें और उसकी बाहरी त्वचा निकालकर छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें।
- एक कटोरी हरा धनियां और आधी कटोरी पुदीना की पत्तियां और 2-3 हरी मिर्च लेकर मिक्सर में या देसी स्टाइल में सिल बट्टे पर पीस लें।
- 3 चम्मच गुड़ पाउडर, 1/2 चम्मच काला नमक और 1/4 चम्मच जीरा डालें।
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- मिश्रण में गलगल/खट्टा डालकर अच्छी तरह मिला लें।
- अब स्वादिष्ट खट्टा तैयार हो चुका है, ध्यान रहे खट्टे को तैयार करने के आधे घंटे में ही खाना होता है, इसे फ्रिज में रख कर अगले दिन या लम्बे समय तक स्टोर न करे क्योकिं इसमें मौजूद अम्लीय तत्व जल्दी ही रसायनिकी किर्या से विषले हो जाते है जो स्वस्थ के लिए हानिकरक हो सकते है।