नेहा वर्मा। हमीरपुर
उत्तर भारत में इसे सेम्बल,सेमल नाम से जाना जाने वाला यह वृक्ष अत्यंत गुणकारी है संस्कृत में शिम्बल और शाल्मली ,इंग्लिश में कॉटन ट्री के नाम से भी जाना जाता है फाल्गुन माह (मुख्यतः फरवरी और मार्च ) में जब इस वृक्ष की पत्तियाँ बिल्कुल झड़ जाती हैं और इस पेड़ का सिर्फ ठूँठा ही रह जाता है भरे हुए लाल फूल दिखाई पड़ते है। तब यह इन्हीं लाल फूलों से गुछा लदा हुआ दिखाई पड़ता है।
आवश्यक सामग्री :
- 500 ग्राम सिम्बल/रेशमी सूती फूल की कालिया, आधा काट लें और बिच का भाग हटा दें।
- 1 प्याज कटा हुआ
- 1 टमाटर कटा हुआ
- 1 हरी मिर्च कटी हुई
- 1 उबला हुआ आलू
- 1 चम्मच हल्दी पाउडर
- 1 चम्मच लाल मिर्च पाउडर
- 1 चम्मच धनिया पाउडर
- 1 चम्मच चाट मसाला
- 1 चम्मच गरम मसाला
- 1/4 चम्मच हींग
- जीरा
- तजा हरा धनिया
- नमक स्वादानुसार
विधि :
- सिम्बल को नमक के साथ नरम होने तक उबले।
- एक पैन में तेल गरम करें और जीरा डालें।
- जब यह फूटने लगे तो इसमें हींग, प्याज, हरी मिर्च, टमाटर और नमक डालें।
- अब इसे थोड़ी देर भून लें।
- अब हल्दी पाउडर, लाल मिर्च पाउडर और धनिया पाउडर दाएं।
- अब इसे अच्छी तरह से मिलाएं। ढककर 2-3 मिनट तक पकाये।
- अब सिम्बल और आलू डालें और पैन को ढककर पकाये।
- अब इसमें चाट मसाला और गरम मसाला डालें। धनिये की पत्तियों से सजाइये।
- अब आप सिम्बल की सब्जी को चावल या रोटी के साथ परोसिये।
यह काफी स्वादिष्ट व्यंजन है। आप इसे पराठे के साथ भी खा सकते है।