
कांग्रेस का दामन थाम क्या कुर्सी बचा लेंगे नगर परिषद अध्यक्ष मिन्हास
पोल खोल न्यूज़ | हमीरपुर
हमीरपुर नगर परिषद के अध्यक्ष मनोज मिन्हास का अचानक कांग्रेस ज्वाइन करना, क्या उसकी कुर्सी को बचा पाएगा? अब इसी पर चर्चा हो रही है, क्योंकि 11 सदस्य इस नगर परिषद में 10 पार्षदों ने चुनाव आचार संहिता लगने से पहले ही अविश्वास प्रस्ताव के लिए डीसी को नोटिस दे दिया था, लेकिन किन्ही कारणों से इसकी बैठक तय अवधि के भीतर नहीं हो पाई है। अब नए घटनाक्रम को लेकर भी हमीरपुर में अच्छी-खासी चर्चा हो रही है।
कारण यह भी है कि मनोज मिन्हास के साथ वार्ड नंवर 2 के पार्षद राजकुमार भी कांग्रेस के लिए हैं। ये दोनों भाजपा अधिकृत उम्मीदवार होने के हो के नाते नगर परिषद के पार्षद बने थे। समस्या केवल मनोज मिन्हास की ही नहीं थी, पार्षद राजकुमार भी अवैध कब्जे के मामले को लेकर सदस्यता बचाने के चक्कर में थे। उनका मामला भी कोर्ट में विचाराधीन है। हमीरपुर स्थित एसडीएम कोर्ट ने एक उम्मीदवार रहे रंजीत कुमार की याचिका पर राजकुमार के खिलाफ फैसला सुनाया था। जिसकी अपील अब अप्पर कोर्ट में विचाराधीन है। भाजपा छोड़कर कांग्रेस में जाने को लेकर यह भी एक कारण माना जा रहा है।
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बताते चलें कि हमीरपुर में अध्यक्ष मनोज मिन्हास के खिलाफ सवे समय से माहौल बना हुआ था, लेकिन पिछले महीने के शुरू में 10 पार्षदों ने इकट्ठे होकर उन्हें हटाने का ज्ञापन जैसी अमरजीत सिंह को दे दिया था। बाद में एक डेट भी अविश्वास प्रस्ताव को बैठक के लिए रख दी गई थी। मगर चुनाव आचार संहिता के तकनीकों कारणों को वजह से वह हो नहीं पाई थी। अब इसी उठा-पटक के बीच है कि बचा नया घटनाक्रम तैयार हुआ है। देखना यही अब नए समीकरणों में क्या मिन्हास अपनों कुरसी पुणे या फिर चाजया के बहुमत वाली इस कार परिषद में उलट फेर हैकर ही रहेगा?