
NIT में हुए सुधारो से बौखलाए लोगों द्वारा किया जा रहा NIT की छवि खराब करने का प्रयास : एच एल सूर्यवंशी
रजनीश शर्मा | हमीरपुर
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान NIT हमीरपुर का नाता हमेशा से किसी न किसी रूप में विवादों से जुड़ा रहा है। कई बार तो यह विवाद सच्चाई से जुड़े रहे लेकिन अधिकतर हुआ यह है कि कुछ तथाकथित लोगों ने संस्थान को बदनाम करने के लिए स्वयं इन विवादों को पैदा किया। चौंकाने वाली बात यह है कि ऐसे बनावटी विवादों को पैदा करने वाले यह लोग संस्थान का ही हिस्सा रहे हैं। जब जब ऐसे लोगों के मन माफिक सिस्टम नहीं चला तो इन्होंने कभी राजनेताओं तो कभी मीडिया का इस्तेमाल करते हुए संस्थान की बुनियाद को हिलाने का काम किया। इसका नतीजा यह हुआ कि न केवल राष्ट्रीय स्तर का यह संस्थान ही बदनाम हुआ बल्कि इस स्थान के साथ जिला हमीरपुर की छवि भी बाहरी राज्यों में धूमिल हुई। और शायद इसी का परिणाम है कि आज संस्थान की की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लगना शुरू हो गए हैं।
हालांकि इस स्थान के स्थापित होने के बाद से आज तक न केवल यहां से तैयार हुए इंजीनियर बड़े-बड़े ऊंचे मुकाम हासिल कर चुके हैं बल्कि प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप में यह संस्थान कई लोगों को रोजगार दे चुका है, लेकिन अफसोस की संस्थान के ही भीतर मोटी-मोटी पगार लेकर बैठे मुलाजिम अपने निजी स्वार्थ के लिए इस शाख को काटने का प्रयास कर रहे हैं जिस पर वह बैठे हैं। बुद्धिजीवियों की माने तो ऐसे संस्थानों में उचित ट्रांसफर पॉलिसी ना होना भी इसका एक बड़ा कारण है। क्योंकि संस्थान को बदनाम करने वाले ऐसे लोगों को पता है कि उनकी सारी उम्र यही गुजारनी है इसलिए वह अपने सही ड्यूटी भूल कर राजनीति में उलझ गए हैं और अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए आए दिन राष्ट्रीय स्तर के इस संस्थान की छवि को खराब करने का प्रयास कर रहे हैं।
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जब कभी भी एनआईटी हमीरपुर में सब कुछ अच्छा होने लगता है, तो एक मठाधीशों की गैंग सक्रिय हो जाती है और इस राष्ट्रीय हित के संस्थान की छवि खराब करने में लग जाती है , यह बार-बार देखने में आया है कि कई वर्षों से एनआईटी हमीरपुर में काम कर रहे कुछ कर्मचारी गुमनाम तरीके से एनआईटी की छवि खराब करने में लगे हुए हैं, और अपना साम्राज्य बनाए रखने में लगे रहते हैं। यह वही गैंग है जो अज्ञात लोगों के नाम पर संस्थान की छवि खराब करने के लिए कई संस्थाओं को संस्थान की कंप्लेंट भेज देते हैं और फिर इन फेक कंप्लेंटों को प्रचारित करने में लगे हैं।
जब से एनआईटी हमीरपुर में 11 वर्षों के बाद एक रेगुलर रजिस्ट्रार आया है, तब से ये गैंग खुद को असहज महसूस कर रही है। नई रजिस्ट्रार अर्चना नैनोटी के आने के बाद उन्होंने संस्थान की कई कमियों को सुधारा है, आर्किटेक्ट विभाग की जो परमिशन कई वर्षों से लंबित पड़ी थी इसकी परमिशन COA दिलवाई, इसके अलावा एनआईटी में स्टाफ की जो प्रमोशन की फाइल कई वर्षों से लंबित पड़ी थी उसका समाधान किया इसके अलावा कई शैक्षणिक और प्रशासनिक सुधार एनआईटी में लाए। जिसके चलते एनआइटी की प्लेसमेंट रैंकिंग में सुधार देखने को मिला है। लेकिन बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग के एकदम पहले किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा इस गैंग के द्वारा एक कंप्लेंट प्रधानमंत्री के पोर्टल पर रजिस्टर करवाई गई और इसी गैंग के द्वारा उसे प्रचारित करवाया जा रहा है, जो खुद पर्दे के पीछे रह कर ये सब काम कर रही है।
इस पर एनआईटी के डायरेक्टर एच एल सूर्यवंशी ने कहा कि यह सिर्फ मात्र एनआईटी में हुए सुधारो से बौखलाए लोगों द्वारा एनआईटी की छवि खराब करने का प्रयास है।