
राजनीति की भी क्वीन साबित हुई कंगना, छह बार के सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह को करना पड़ा हार का सामना
पोल खोल न्यूज़ | मंडी
आखिरकार बॉलीवुड क्वीन कंगना रनौत सियासत की भी रानी साबित हुई। हैं पहली बार चुनावी मैदान में उतरी कंगना रनौत ने एक ऐसे परिवार के युवा नेता को धूल चटाई, जिस परिवार का हिमाचल की राजनीति में डंका बजता आया है। छह बार के सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे और सुखविंदर सिंह सरकार में युवा कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह को पराजय का सामना करना पड़ा।
72 हजार से अधिक मतों से जीती ‘क्वीन’
विक्रमादित्य सिंह का भी ये पहला लोकसभा चुनाव था। कंगना रनौत ने इस चुनाव में खुद को हिमाचल की बेटी बताया था। कंगना को जिस समय मंडी सीट से टिकट मिला था, तब कांग्रेस ने अभद्र टिप्पणी की थी। कंगना ने उस टिप्पणी को अपने पक्ष में मजबूत हथियार बना लिया। हालांकि मुकाबला कड़ा था, लेकिन मंडी जिला में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के प्रभाव ने कंगना को इस रण में विजय पताका फहराने का मौका दिया। कंगना ने 72 हजार से अधिक मतों से जीत हासिल की।
कंगना की जीत में जयराम ठाकुर की अहम भूमिका
कंगना की जीत में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर का खास योगदान रहा। इसके अलावा पीएम नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की रैलियों ने भी माहौल कंगना के पक्ष में करने में योगदान दिया। खुद कंगना आरंभ से ही प्रचार में जुट गई थी। मंडलायी बोली के तड़के के साथ प्रचार करना और महिलाओं के रंग में रंग जाना कंगना को लाभ दिला गया। कंगना जिस भी इलाके में प्रचार के लिए गई, वहां की वेश-भूषा अपना ली। कंगना पर हालांकि बीफ वाले विवाद की छाया पड़ी, लेकिन ये मुद्दा कांग्रेस को लाभ नहीं दे पाया।
विक्रमादित्य सिंह ने भी कंगना पर निजी हमले किए तो कंगना ने भी कोई कमी नहीं छोड़ी। फिर भी कंगना को विक्रमादित्य सिंह के मुकाबले जनता यानी वोटर्स का प्यार अधिक मिला। मंडी जिला में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर की साख भी दाव पर थी. कंगना को मंडी की सभी सीटों पर व्यापक समर्थन मिला। कंगना को केंद्र व राज्य के सभी बड़े नेताओं का साथ और समर्थन मिला।
वहीं, विक्रमादित्य सिंह अकेले ही मैदान में डटे रहे। उनके नामांकन के दौरान जरूर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू साथ थे, लेकिन उसके बाद सीएम कहीं नजर नहीं आए। सीएम सुक्खू का सारा जोर हमीरपुर जिला की दो सीटों पर था। डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने जरूर सराज में विक्रमादित्य सिंह का साथ दिया, लेकिन बात नहीं बनी।
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने नामांकन वाले दिन विक्रमादित्य सिंह को हीरो बताया था। सीएम कहा था कि यदि फिल्मों में चला जाए तो हीरो है विक्रमादित्य सिंह, लेकिन जनता ने सीएम के इस हीरो को सियासी फिल्म में नाकामी दे दी। हीं, सीएम सुक्खू ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर को मंडी में ‘कंगना मेरे अंगना’ फिल्म का निदेशक बताया था। अब कंगना की जीत के साथ ही ये सियासी फिल्म हिट हो गई।
सीएम सुक्खू ने कहा था कि ये फिल्म हिट नहीं होगी। विक्रमादित्य सिंह को रामपुर, रोहड़ू आदि निर्वाचन क्षेत्रों में अच्छी लीड मिली तो कंगना की किस्मत मंडी जिला की लीड ने चमकाई। फिलहाल, कंगना अब नए रोल में नजर आएंगी। देखना है कि वो मंडी के लिए पांच साल में क्या करती हैं। कंगना ने मंडी के मतदाताओं से वादा किया है कि वो उनके काम करेगी और यहीं रहेगी। प्रचार के दौरान कंगना ने मंडी जिला में अपनी रिश्तेदारी खूब गिनाई थी। अब देखना है कि वो जनता के साथ अपना रिश्ता कितना निभाती हैं।