
मोदी और जयराम के कुशल नेतृत्व से मंडी की हाॅट सीट पर भाजपा का फिर कब्जा
पोल खोल न्यूज़। मंडी
लोकसभा चुनाव में देशभर में चर्चित रही मंडी की हाॅट सीट पर एक बार फिर भाजपा ने कब्जा कर लिया है। मोदी मैजिक और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के कुशल नेतृत्व के सहारे भाजपा सत्ताधारी कांग्रेस से यह सीट हथियाने में कामयाब रही। कांग्रेस को सरकार के 15 महीने के कार्यकाल में मंडी की अनदेखी करना भारी पड़ा। अनुभवी और बड़ा चेहरा उतारने के बावजूद कांग्रेस को मंडी सीट से हार का सामना करना पड़ा। वीरभद्र फैक्टर भी कांग्रेस के लिए मंडी में काम न आ सका। इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि कांग्रेस के हाथ से मंडी छिटककर अब भाजपा का मजबूत गढ़ बन गया है। कंगना के खाने-पीने से लेकर पहनावे और मुंबई में रहने का मुद्दा मंडी में खूब उछलता रहा। जबकि पीएम नरेंद्र मोदी के सहारे छोटी काशी में भाजपा ने आगे बढ़ते हुए जीत की सीढ़ी चढ़ी।
वहीं, भाजपा को लोकसभा चुनाव में पूर्व में यहां से प्रत्याशी रह चुके जयराम ठाकुर का अनुभव भी खूब काम आया। इसी के साथ भाजपा के मजबूत संगठन ने भी अंदरखाते विरोध के बावजूद प्रत्याशी के पक्ष में काम किया। संसदीय क्षेत्र में भाजपा का बड़ा कैडर होना भी पार्टी के पक्ष में रहा। पहली बार चुनाव में उतरीं कंगना के हिंदुत्व और महिलाओं के पक्ष में बेबाकी से बात रखने के अंदाज ने भी मतदाताओं को प्रभावित किया। मंडी संसदीय क्षेत्र में पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की बड़ी रैलियों ने भी भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में माहौल बनाया।
वहीं, मंडी में निवर्तमान सांसद प्रतिभा सिंह के कार्यकाल का भी कांग्रेस को कोई लाभ नहीं मिल पाया। चुनावी बेला में प्रतिभा के बयान और विक्रमादित्य सिंह के इस्तीफे ने भी कार्यकर्ताओं के मनोबल को गिराया। मंडी संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस के कद्दावर नेता भी अपने हलकों में परफॉरमेंस नहीं दिखा पाए हैं। इसके साथ ही कांग्रेस की गारंटियां का पूरा न होना भी एक कारण है। पूर्व सांसद रामस्वरूप शर्मा के निधन के बाद 2021 में हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने इस सीट को भाजपा से छीनकर अपने कब्जे में लिया, लेकिन इस बार भावनात्मक कार्ड नहीं चल पाया।
वहीं, मन जा रहा है कि भाजपा प्रत्याशी घोषित होने के बाद कांग्रेस इस सीट में उम्मीदवार उतारने में भी लंबी माथापच्ची करती रही। यह देरी भी कांग्रेस के लिए घाटे का सौदा बनी। जबकि प्रदेश सरकार व संगठन का खुलकर कांग्रेस प्रत्याशी सहयोग नहीं मिल पाया। कई जगहों पर कमजोर संगठन भी हार के लिए बड़ा कारण बना। कांग्रेस प्रत्याशी ने खुलकर मंडी के लिए अपना विजन रखा। यहां कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी की रैलियों के बावजूद वह मतदाताओं को प्रभावित नहीं कर पाए। कुल मिलाकर मंडी सीट पर मोदी फैक्टर जमकर चला और मोदी के नाम पर मतदाताओं ने कंगना को जनादेश दिया।
13 विधानसभा क्षेत्रों से कंगना को मिली लीड
लोकसभा चुनाव में मंडी संसदीय क्षेत्र के कुल 17 में से 13 विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा प्रत्याशी को बढ़त मिली है। जोगिंद्रनगर हलके में सबसे अधिक 19,402 मतों की लीड है। कुल्लू जिले से एकमात्र भाजपा विधायक वाले विधानसभा क्षेत्र आनी में कांग्रेस प्रत्याशी बढ़त लेने में सफलता रहे हैं। भाजपा प्रत्याशी कंगना रणौत के गृह हलके की बात करें तो यहां से उन्हें कुल 13,647 मतों की लीड मिली है। कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह को उनके गृह हलके रामपुर, लाहौल-स्पीति, किन्नौर और आनी से बढ़त मिली है। रामपुर में विक्रमादित्य को 21,437 की लीड मिली है। सभी 17 हलकों में सबसे बड़ी लीड का आंकड़ा भी यही है, जबकि ईवीएम मतगणना में किन्नौर से 8562, आनी से 8328 और लाहौल-स्पीति से 6876 मतों की लीड मिली है। जबकि अन्य सभी हलकों में भाजपा प्रत्याशी कंगना को ही लीड मिली है।
विधानसभा क्षेत्र कंगना रणौत विक्रमादित्य सिंह लीड दल
भरमौर 27,786 22,253 5,533 भाजपा
लाहौल-स्पीति 5,791 12,667 6,876 कांग्रेस
मनाली 28,735 26,782 1,953 भाजपा
कुल्लू 36,529 29,657 6,872 भाजपा
बंजार 29,491 26,502 2,989 भाजपा
आनी 28,042 36,370 8,328 कांग्रेस
करसोग 31,205 25,279 5,926 भाजपा
सुंदरनगर 35,916 26,922 8,994 भाजपा
नाचन 37,368 31,432 5,936 भाजपा
सिराज 40,868 26,170 14,696 भाजपा
द्रंग 37,616 29,917 7,699 भाजपा
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जोगिंद्रनगर 43,607 24,205 19,402 भाजपा
मंडी सदर 36,153 20,638 15,515 भाजपा
बल्ह 36,238 26,496 9,742 भाजपा
सरकाघाट 37,543 23,896 13,647 भाजपा
रामपुर 17,750 39,187 21,437 कांग्रेस
किन्नौर 16,825 25,387 8,562 कांग्रेस
मत पत्र 9,559 8,507 1,052 भाजपा
कुल 5,37,022 4,62,267 74,755 भाजपा