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डॉ भीमराव पर गृह मंत्री का बयान दुर्भाग्यपूर्ण : संदीप सांख्यान
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सार्वजनिक माफी मांगे गृहमंत्री : संदीप सांख्यान
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क्या डॉ भीमराव पर दिया गया बयान ही भाजपा का अमृतकाल : संदीप सांख्यान
पोल खोल न्यूज़ | हमीरपुर
प्रदेश कांग्रेस के पूर्व मीडिया कोऑर्डिनेटर संदीप सांख्यान ने देश के गृहमंत्री अमि शाह द्वारा संसद में भारत देश के संविधान निर्माता एवं भारत रतन डा. भीम राव अंबेडकर को लेकर प्रयोग किए गए अमर्यादित शब्दों पर कड़ी आपत्ति दर्ज करते हुए इसकी कड़े शब्दों में निंदा एवं भत्र्सना की है। संदीप सांख्यान ने कहा कि यह देश की जनता का अपमान है। देश जहां अमृतकाल का महोत्सव मना रहा है वहीं देश की गृहमंत्री द्वारा दिया गया यह बयान किसी भी तरीके से जायज नहीं ठहराया जा सकता है। संसद से लेकर सड़क तक घमासान मचा देने वाले इस बयान को लेकर भाजपा में ही विरोधाभाष उत्पन्न हो गया है, बावजूद इसके गृहमंत्री ने अपने बयान पर माफी नहीं मांगी है। संदीप सांख्यान ने कहा है कि असल में यह लड़ाई मनुस्मृति लागू करने वाली सोच और सभी को एक समाज हक देने वाली संविधानिक सोच के मध्य है।
इसे बड़ी बारीकि से समझना होगा। उन्होंने कहा कि डा. अंबेडकर कोई नेता न होकर एक क्रांतिकारी विचारधारा है, जिसने देश की अस्सी प्रतिशत जनता को सिर उठाकर जीवन जीने का अधिकार दिया है। दलित, शोषित, पीड़ित, महिला और वंचित लोगों को देश और समाज की मुख्य धारा से जोड़ने वाले बाबा साहेब हर धर्म, जाति और समुदाय के लिए वंदनीय है। ऐसे में गृहमंत्री की मानसिकता संसद में आखिर निकल ही गई। उन्होंने कहा कि एनडीए के सता में आने से लेकर अब तक भाजपाई मोदी-मोदी करते नहीं थकते, तो क्या मोदी को भगवान कहना उचित होगा। उन्होंने कहा कि डा. अंबेडकर सामाजिक कुरीतियों को हटाकर मानवता की सेवा करने वाले करोड़ों लोगों और विशेषकर महिलाओं के लिए मुक्तिदाता हैं। ऐसे में देश में मचा कोहराम गृहमंत्री और भाजपा की कुंठा से ग्रसित मानसिकता का परिणाम हैं। ऐसे में गृहमंत्री को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।
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संदीप सांख्यान ने कहा कि भाजपा की नीतियां सदा से ही विभाजनकारी रहीं हैं। जाति, धर्म, मजहब आदि के नाम पर देश को बांटने का काम करने वाले भाजपा नेता यह भूल चुके हैं कि भारत विभिन्नताओं में एकता का प्रतीक है, तथा इसे तोड़ने का प्रयास करने वाले धराशायी हुए हैं। उन्होंने कहा कि बीते लोकसभा में प्रभु राम को आगे कर अपने एजेंडे का मुख्य मुद्दा बनाने वाले भाजपा को अयोध्या में ही भगवान राम ने छोड़ दिया तो इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि भगवान राम किसी पार्टी विशेष के न होकर हर देशवासी के मन में समाए हैं। ऐसे में संविधान की शपथ लेकर संसद में आने वाले और अहम औहदे पर आसीन गृहमंत्री अमित शाह को बाबा साहेब पर की गई टिप्पणी को लेकर सबके सामने माफी मांगनी चाहिए।