आयुर्वेदिक अस्पताल में पैरा-सर्जिकल प्रक्रियाओं से रोगों का सफल उपचार
संजय ठाकुर | ऊहल
टौणी देवी के ऊहल के अंतर्गत कढ़ियार स्थित आयुर्वेदिक अस्पताल में परंपरागत आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धतियों से रोगों का प्रभावी उपचार किया जा रहा है। यहां आधुनिक आयुर्वेदिक पैरा-सर्जिकल प्रक्रियाओं जैसे मर्म थेरेपी, अग्निकर्म, विद्कर्म, रक्तमोक्षण, कपिंग थेरेपी और जलौका (लीच थेरेपी) का उपयोग किया जा रहा है।
इन उपचार पद्धतियों के माध्यम से शरीर के विभिन्न दर्द और रोगों का सफल समाधान किया जा रहा है। खासकर, कटी शूल (लम्बर पेन), साइटिका, गतिवा शूल, सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस, टेनिस एल्बो, एड़ी का दर्द (प्लांटर फैशियाइटिस), कैल्केनल स्पर और त्वचा रोग जैसी समस्याओं में मरीजों को विशेष लाभ मिल रहा है।
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वहीं, अस्पताल के विशेषज्ञ डॉक्टर जोगिंदर ठाकुर, डॉक्टर मुकेश कतना और डॉक्टर चंदा चोपड़ा आयुर्वेद को बढ़ावा देने में निरंतर प्रयासरत हैं। वे आए दिन नई-नई योजनाओं को लागू कर आयुर्वेदिक चिकित्सा को आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों के साथ जोड़ रहे हैं। उनका उद्देश्य है कि प्राकृतिक और पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के माध्यम से लोगों को रोगों से मुक्त किया जाए।