
-
ऊना के लिए आई 400 टन खाद, आलू और सेब के लिए की जाएगी इस्तेमाल
-
प्रदेश में पहुंची 1800 टन 12-32-16 और 200 डीएपी खाद की खेप
पोल खोल न्यूज़ | ऊना
हिमाचल में आलू और सेब तैयार करने वाले किसानों-बागवानों के लिए राहत की खबर है। दोनों फसलों के लिए बेहद जरूरी मानी जाने वाली 12-32-16 खाद की खेप प्रदेशभर के गोदामों में पहुंच चुकी है। इफकोकी ओर से सभी जिलों में आवश्यकता के अनुसार खाद की खेप का वितरण किया गया है। प्रदेश में 12-32-16 खाद की कुल 1800 टन खेप आई है। जबकि 200 टन डीएपी खाद की खेप जारी की गई। ऊना जैसे मैदानी जिला में इस समय आलू की बिजाई शुरू हो चुकी है। आलू की फसल में बिजाई से पहले 12-32-16 खाद का छिड़काव किया जाता है। अच्छी पैदावार के लिए किसान डीएपी यानी डाया खाद का भी इस्तेमाल करते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए किसानों के लिए खाद की खेप जारी की गई। वहीं, पहाड़ी इलाकों में भी सर्दी के मौसम में सेब के पौधों पर इस खाद का इस्तेमाल किया जाता है।
ये भी पढ़ें : पालमपुर में नहीं रुक रहा भवनों का अवैध निर्माण, नगर निगम ने अपनाया सख्त रवैया
400 टन के आसपास खाद की खेप अकेले ऊना जिला के लिए आई है। जबकि, इतनी ही मात्रा में खाद की खेप पहाड़ी इलाकों के लिए भी जारी हुई है। वहीं, किसानो ने कहा कि आलू की फसल के लिए 12-32-16 खाद काफी अहम भूमिका निभाती है। फसल की अच्छी पैदावार और पौधे को हर पोषक तत्व देने के लिए डाया खाद की जरूरत भी रहती है। आलू की फसल पौधे की जड़ में तैयार होती है। जड़ की अच्छी वृद्धि के लिए डाया खाद आवश्यक होती है। उन्होंने कहा कि कई किसानों ने तो पहले ही खाद का बंदोबस्त कर लिया था। जबकि कई नई खेप के इंतजार में थे।
इफको के राज्य विपणन प्रबंधक भुवनेश पठानिया ने बताया कि खाद की नई खेप जारी की गई है। आलू और सेब के लिए इसकी जरूरत थी। इसलिए समय रहते इस खेप को किसानों व बागवानों के लिए उपलब्ध करवाया गया है।