
टौणी देवी में किशोरावस्था में पोषण के महत्व पर सेमिनार का आयोजन
रजनीश शर्मा | हमीरपुर
हिमाचल प्रदेश के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला टौणी देवी में बाल विकास विभाग द्वारा किशोरावस्था में पोषण के महत्व पर एक जागरूकता सेमिनार का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग से डॉ. कनु प्रिया और स्वास्थ्य शिक्षक कमल मनकोटिया ने छात्रों को संतुलित आहार, पोषण के तत्व और स्वस्थ जीवनशैली के बारे में विस्तार से जानकारी दी। सेमिनार का मुख्य उद्देश्य किशोरों को उनके शारीरिक और मानसिक विकास में पोषण की भूमिका को समझाना था। डॉ. कनु प्रिया ने बताया कि किशोरावस्था विकास का महत्वपूर्ण चरण होता है, जिसमें उचित पोषण की आवश्यकता होती है। उन्होंने प्रोटीन, विटामिन, खनिज, और हाइड्रेशन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि संतुलित आहार न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक विकास में भी सहायक होता है।
उन्होंने जंक फूड से बचने और हरी सब्जियों, फलों, दूध और दालों को अपने दैनिक आहार में शामिल करने की सलाह दी। स्वास्थ्य शिक्षक कमल मनकोटिया ने छात्रों को भोजन में विविधता और स्वच्छता बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने बताया कि पौष्टिक भोजन के साथ-साथ नियमित व्यायाम और पर्याप्त नींद भी स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। इस अवसर पर बाल विकास परियोजना अधिकारी कुलदीप चौहान ने बाल विकास विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा चलाए जा रहे पोषण अभियान, मिड-डे मील योजना, किशोरी शक्ति योजना और आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से बच्चों के पोषण स्तर को सुधारने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने अभिभावकों को भी इन योजनाओं का लाभ उठाने की अपील की।सेमिनार के दौरान छात्रों के बीच रंगोली, पेंटिंग और नारा लेखन प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया गया, जिनका विषय ‘स्वस्थ आहार, स्वस्थ जीवन’ था। इन प्रतियोगिताओं में बड़ी संख्या में छात्रों ने भाग लिया और अपनी रचनात्मकता का प्रदर्शन किया।
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रंगोली प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर चेतना जबकि द्वितीय स्थान पर प्रियांशु रहे। पेंटिंग प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार भारती, द्वितीय अंशिका और तृतीय प्रियांशु को मिला और नारा लेखन प्रतियोगिता में प्रज्ञान , अनन्या, और रितिका ने क्रमश: पहले तीनों स्थानों पर बाजी मारी। विजेताओं को सम्मानित करते किया गया एवं भविष्य में भी इस प्रकार की प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए प्रेरित किया गया तथा सभी बच्चों को फल आहार भी विभाग द्वारा वितरित किया गया
कार्यक्रम के अंत में प्रधानाचार्य रजनीश रांगड़ा ने सभी छात्रों को वार्षिक परीक्षा के लिए गंभीरता से तैयारी करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य एक-दूसरे के पूरक हैं, और स्वस्थ शरीर में ही एक स्वस्थ मस्तिष्क का विकास होता है। उन्होंने छात्रों को समय प्रबंधन, संतुलित आहार और नियमित अभ्यास करने की सलाह दी ताकि वे परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकें। इस आयोजन से छात्रों को न केवल पोषण के महत्व की जानकारी मिली, बल्कि उन्होंने स्वस्थ जीवनशैली अपनाने का संकल्प भी लिया। विद्यालय प्रशासन और बाल विकास विभाग ने इस तरह के जागरूकता कार्यक्रमों को भविष्य में भी जारी रखने का आश्वासन दिया।