
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस: सुरक्षा जागरूकता और समर्पण का प्रतीक, देशभर में मनाया जा रहा राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस
पोल खोल न्यूज़ डेस्क | हमीरपुर
आज देशभर में राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जा रहा है। यह दिन देश की सैन्य, अर्धसैनिक, पुलिस, अग्निशमन, बचाव दल और औद्योगिक सुरक्षा कर्मियों के अमूल्य योगदान को सम्मान देने के लिए समर्पित है। इस अवसर पर विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा सुरक्षा जागरूकता अभियान, सेमिनार और आपदा प्रबंधन अभ्यास आयोजित किए जाते हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा केवल सीमाओं की रक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें आंतरिक सुरक्षा, साइबर सुरक्षा, औद्योगिक सुरक्षा और नागरिक सुरक्षा भी शामिल है। इस साल विशेष रूप से डिजिटल सुरक्षा और आपदा प्रबंधन पर जोर दिया जा रहा है।
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सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की पहल
सरकार और सुरक्षा एजेंसियां इस अवसर पर सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम चला रही हैं। गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय ने देशवासियों से साइबर सुरक्षा, यातायात नियमों और आपातकालीन प्रबंधन को लेकर सतर्क रहने की अपील की है। वहीं, विशेषज्ञों का मानना है कि हर नागरिक का योगदान राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत कर सकता है। सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, साइबर अपराधों से बचाव, यातायात नियमों का पालन और आपदा प्रबंधन की समझ नागरिकों के लिए बेहद जरूरी है।
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का इतिहास
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना 4 मार्च, 1966 में की गई थी। इसके बाद 4 मार्च के दिन साल 1972 में पहली बार राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया गया था। इस साल पूरे हफ्ते सुरक्षा दिवस मनाया गया था। इस दिन को राष्ट्र की सुरक्षा को बढ़ावा देने के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की सालगिरह के रूप में भी मनाया जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद मानव स्वास्थ्य सुरक्षा, सड़क सुरक्षा और पर्यावरण सुरक्षा के बारे में जागरूकता फैलाने का काम करता है।
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2025 की थीम
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2025 की थीम है ‘विकसित भारत के लिए सुरक्षा और कल्याण महत्वपूर्ण’। यह थीम राष्ट्रीय विकास के ताने-बाने में सुरक्षा को शामिल करने के महत्व पर बल देती है।