
यूएई हिमाचल में ग्रीन एनर्जी और पर्यटन में निवेश को इच्छुक
पोल खोल न्यूज़ | शिमला
भारत में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के राजदूत अब्दुलनासिर अलशाली ने आज हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात की और राज्य में निवेश की संभावनाओं पर चर्चा की। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने यूएई को पर्यटन, आतिथ्य, ग्रीन एनर्जी, डेयरी, फूड प्रोसेसिंग और डेटा स्टोरेज जैसे प्रमुख क्षेत्रों में निवेश के लिए आमंत्रित किया। इस पर यूएई के राजदूत ने खासतौर पर पर्यटन क्षेत्र, विशेषकर एडवेंचर स्पोर्ट्स और स्कीइंग में रुचि दिखाई। उन्होंने बताया कि यूएई ने पहले ही कुछ संभावित स्थानों की पहचान कर ली है और राज्य सरकार से अन्य उपयुक्त स्थानों के सुझाव भी मांगे हैं।
दोनों पक्षों ने इस दिशा में तेजी से काम करने और परियोजनाओं के शीघ्र क्रियान्वयन के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करने पर सहमति जताई। यूएई के राजदूत ने बताया कि जल्द ही एक तकनीकी टीम हिमाचल का दौरा करेगी और निवेश के संभावित क्षेत्रों का मूल्यांकन करेगी।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा, “हिमाचल की खूबसूरत वादियां, बर्फ से ढके पहाड़, हरे-भरे जंगल और जलाशय इसे निवेश के लिए अनूठा अवसर प्रदान करते हैं। राज्य सरकार पर्यटन ढांचे को मजबूत करने के लिए कई रोपवे, कांगड़ा हवाई अड्डे का विस्तार, नए फोरलेन हाईवे और हेलीपोर्ट्स विकसित कर रही है ताकि हिमाचल निवेशकों के लिए पसंदीदा गंतव्य बन सके।”
ये भी पढ़ें : सुजानपुर विधायक रणजीत सिंह ने 1 महीने में बदल दिया सुजानपुर शहर का रंग रूप
उन्होंने आगे बताया कि हिमाचल प्रदेश अगले साल तक ग्रीन एनर्जी स्टेट बनने की राह पर है। राज्य सरकार बीते दो वर्षों में पर्यावरण संरक्षण और ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कदम उठा चुकी है। इनमें नए सोलर पावर प्रोजेक्ट, छह ग्रीन कॉरिडोर और चरणबद्ध तरीके से सभी सरकारी डीजल बसों को इलेक्ट्रिक बसों में बदलने की योजना शामिल है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि हिमाचल देश की कुल जलविद्युत क्षमता का 25% उत्पादन करता है और यहां सौर ऊर्जा व पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट्स में निवेश की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने यूएई कंपनियों को फूड प्रोसेसिंग, कोल्ड स्टोरेज, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स और आधुनिक शहरी योजना में निवेश का न्योता दिया। यूएई राजदूत ने कहा कि उनका देश पहले से ही भारत में ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में कार्य कर रहा है और हिमाचल सरकार के साथ इस दिशा में सहयोग बढ़ाने को इच्छुक है। उन्होंने राज्य सरकार से विशेष परियोजनाओं की जानकारी मांगी, ताकि यूएई इन पर आगे काम कर सके।