
वीपीएन की मदद से भेजीं थीं बम धमाकों की धमकियां, जांच में खुलासा
पोल खोल न्यूज़ | शिमला
हिमाचल प्रदेश में बम धमाकों की धमकियां देने के लिए वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क का इस्तेमाल किया गया था। यह खुलासा हिमाचल प्रदेश पुलिस की ओर से की गई जांच में हुआ है। मेल भेजने वालों ने अपनी पहचान छिपाने के लिए वीपीएन का इस्तेमाल किया। जांच में एक आईपी एड्रेस देश के भीतर का भी मिला है। पुलिस ने 16 अप्रैल से 9 जून के बीच प्राप्त ई-मेल की जांच के बाद स्रोत का पता लगाया है। मेल के माध्यम से प्रदेश सचिवालय, हिमाचल हाईकोर्ट के अलावा हमीरपुर, मंडी और कुल्लू उपायुक्त कार्यालयों को बम से उड़ाने की धमकियां दी गई थीं।
हालांकि सभी धमकी वाले ई-मेल फर्जी निकले थे। मेल मिलने के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने तलाशी अभियान छेड़ा, लेकिन कोई संदिग्ध वस्तु या विस्फोटक नहीं मिले थे। हिमाचल प्रदेश सहित उत्तर प्रदेश, ओडिशा, केरल, पुडुचेरी और गुजरात को भी इसी तरह की ई-मेल से धमकियां मिली थीं। 15 अप्रैल को उपायुक्त कार्यालय मंडी को ई-मेल प्राप्त हुआ था, जिसमें कई सरकारी कार्यालयों में विस्फोटक रखे जाने का दावा किया गया था। 16 अप्रैल को मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना को ई-मेल भेजा गया, जिसमें सचिवालय भवन को निशाना बनाने की बात कही गई थी।
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बता दें कि 25 अप्रैल को भी दो अलग-अलग ई-मेल प्राप्त हुए। 2 मई को कुल्लू के उपायुक्त कार्यालय को बम से उड़ाने की धमकी वाला ई-मेल मिला। 26 मई को प्रदेश सचिवालय को निशाना बनाकर एक और धमकी भरा ई-मेल प्राप्त हुआ। 9 जून को ई-मेल भेजकर हाईकोर्ट को निशाना बनाकर आईईडी से लैस आत्मघाती हमलावरों के हमले की चेतावनी दी गई। चंबा और हमीरपुर के उपायुक्त कार्यालयों को भी बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी।
ई-मेल भेजने वाले कर आईनी एड्रेस छिपाने के लिए वीजेएन की मदद ली गाडी है। वीपीएन के जरिये प्रॉक्सी सर्वर और डार्क येथ का इस्तेमाल कर मेल भेजी जाती है। दिल्ली-एनसीआर के 150 से अधिक स्कूलों को बम से उड़ाने को धमकियां ईमेल के जरिए वीपीएन की मदद से ही भेजी गई थी। इंडियन एयरलाइंस में बम को धमकी के लिए भी गोपोएन कर इस्तेमाल था।