
Himachal: नियमितीकरण की तिथि से तय होगा टीजीटी का वेतन
पोल खोल न्यूज़ | शिमला
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर(टीजीटी) का वेतन नियमितीकरण की तारीख से निर्धारित करने का निर्देश देते हुए शिक्षकों को जारी हुई अतिरिक्त राशि की वसूली पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट के फैसले से उचित वेतनमान, वसूली के खिलाफ संघर्ष कर रहे शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने पाया कि टीजीटी श्रेणी 2012 के नियमों के अनुसार वे प्रांरभिक वेतन के हकदार हैं।
हाईकोर्ट ने शिक्षकों का वेतन पुनर्निर्धारण करने के आदेश जारी किए हैं। बता दें कि हाईकोर्ट ने 26 जुलाई 2016 को जारी उस आदेश को भी खारिज कर दिया है, जिसके तहत शिक्षकों के वेतन पुनर्निर्धारण के बाद भुगतान की गई अतिरिक्त राशि की वसूली की जा रही थी। न्यायाधीश सत्येन वैद्य की एकलपीठ ने नियमितीकरण की तिथि से वेतन को फिर निर्धारित करने का निर्देश दिया है।
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वहीं, कोर्ट ने पाया कि टीजीटी श्रेणी को 2012 के नियमों के साथ संलग्न अनुसूची में 27 जुलाई 2012 से प्रभावी रूप से शामिल किया गया था और अनुसूची के अनुसार वे प्रांरभिक वेतन के हकदार हैं। याचिकाकर्ता टीजीटी पद पर अनुबंध के आधार पर नियुक्त किए गए। हिमाचल सिविल सेवा (पदवार संशोधित वेतन) नियम, 2012 अधिसूचित किए गए थे, विभाग ने इनकी सेवाओं को अधिसूचना के बाद 24 अगस्त 2012 को नियमित किया।
याचिकाकर्ताओं ने मांग की थी कि इनका नियमितीकरण इन नियमों के लागू होने के बाद हुआ। याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि अनुसूची को न तो बदला था और न ही संशोधित किया था। इसलिए विभाग की ओर से जारी 26 जुलाई 2016 के पत्र में प्रारंभिक वेतन को 14,430 से घटाकर 13,900 करना मनमाना और भेदभावपूर्ण था। इसी के खिलाफ याचिकाकर्ताओं ने अदालत का रुख किया।