
हिमाचल: ब्यास पर बिजली प्रोजेक्ट लगाने के लिए होगा अध्ययन
पोल खोल न्यूज़ | शिमला
हिमाचल प्रदेश सरकार बिजली क्षेत्र को और अधिक सक्षम, पारदर्शी और पर्यावरण संवेदनशील बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही है। विश्व बैंक की ओर से वित्त पोषित हिमाचल प्रदेश विद्युत क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत राज्य सरकार ने ब्यास नदी पर प्रस्तावित और मौजूदा जलविद्युत परियोजनाओं के पर्यावरणीय व सामाजिक प्रभावों का विस्तृत अध्ययन कराने का फैसला किया है। ऊर्जा निदेशालय को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। निदेशालय ने प्रमुख परामर्श सेवाओं के लिए निविदा आमंत्रण कर दी है। बता दें कि हिमाचल प्रदेश में अक्षय ऊर्जा एकीकरण के लिए वर्ल्ड बैंक ने साल 2023 में 2,000 करोड़ मंजूर किए थे। ब्यास नदी बेसिन के लिए व्यापक संचयी प्रभाव का आकलन कराया जाएगा, जिससे यह समझा जा सके कि जलविद्युत परियोजनाओं का दीर्घकालिक पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभाव क्या है।
अध्ययन का उद्देश्य जल संसाधनों के सतत उपयोग को सुनिश्चित करना, पारिस्थितिकी को संरक्षित रखना और भावी परियोजनाओं के लिए स्पष्ट मार्गदर्शन देना है। राज्य में ऊर्जा क्षेत्र सुधारों को गति देने के लिए एक रणनीतिक सलाहकार एजेंसी भी नियुक्त की जाएगी। एजेंसी टैरिफ विश्लेषण, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा समेकन, नीति निर्माण और क्षमता निर्माण जैसे विषयों पर परामर्श देगी। कार्यक्रम निगरानी सलाहकार भी नियुक्त किया जाएगा, जो परियोजना के कार्यान्वयन की निगरानी, वितरण संकेतकों की ट्रैकिंग और समयबद्ध प्रगति सुनिश्चित करेगा। प्रदेश में 12,000 मेगावाट जलविद्युत उत्पादन हो रहा है। इस बारे में ऊर्जा निदेशक राकेश कुमार प्रजापति ने बताया कि यह पूरी प्रक्रिया विश्व बैंक की ओर से प्रस्तावित परिणाम आधारित ढांचे पर आधारित है।
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बता दें कि 5 वर्ष की परियोजना के लिए वर्ल्ड बैंक 1,600 करोड़ और राज्य सरकार 400 करोड़ रुपये खर्च करेगी। बजट वर्ष 2028 तक के लिए स्वीकृत है। दो वर्ष धीमी गति से काम हुआ है। अब सरकार ने पावर कॉरपोरेशन की जगह ऊर्जा निदेशालय को बड़ी जिम्मेवारी सौंपी है।