
High Court : अनुबंध कर्मियों को मिलेगा रिवाइज्ड पे स्केल का लाभ
पोल खोल न्यूज़ | शिमला
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि रिवाइज पे स्केल 2022 का लाभ उन कर्मचारियों को भी मिलेगा, जो इन नियमों के लागू होने के बाद नियमित हुए हैं। न्यायाधीश ज्योत्सना रिवॉल दुआ की अदालत ने कहा कि सभी याचिकाकर्ताओं ने अक्तूबर 2021 तक दो साल की लगातार अनुबंध सेवा पूरी कर ली थी। अप्रैल 2022 में उनकी सेवाएं नियमित हो गई थीं। अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिए है कि वह तीन सप्ताह में मोहित शर्मा के फैसले के अनुरूप याचिकाकर्ताओं के मामलों में रिवाइज्ड पे स्केल नियम 2022 के तहत फिर से विचार करे। अदालत ने विभाग की ओर से जारी 25 जुलाई के उस कार्यालय आदेश को भी रद्द कर दिया है, जिसके तहत विभाग ने रिवाइज्ड पे स्केल देने से इन्कार किया था।
अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता रिवाइज पे रूल्स 2022 के लागू होने के बाद नियमित हुए, उन्हें इसका लाभ देने से इन्कार नहीं किया जा सकता। नियमों के अनुसार ऐसे कर्मचारियों को नियमित होने के बाद भी लाभ मिलेगा। हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान पाया कि प्रतिवादी विभाग ने मोहित शर्मा के फैसले को सही ढंग से नहीं समझा है। मामले में स्पष्ट रूप से कहा गया था कि कर्मचारी की पिछली नौकरी का स्वरूप चाहे अनुबंध, अस्थायी कुछ भी रहा हो, नियमित होने के बाद वह सामान्य श्रेणी का हिस्सा बन जाता है। नियमित होने के बाद कर्मचारी रिवाइज पे स्केल नियम 2022 का लाभ पाने का भी हकदार होगा। एकल पीठ ने मोहित शर्मा मामले में कहा था कि जिन्होंने 30 सितंबर 2021 तक 2 साल की अनुबंध सेवा पूरी कर दी है, उन सभी को इस उच्च वेतनमान 2022 का लाभ दिया जाएगा।
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हाईकोर्ट ने कहा है कि किसी उम्मीदवार के खिलाफ केवल एफआईआर लंबित होने के आधार पर उसे अनुकंपा नियुक्ति से वंचित नहीं किया जा सकता है। अदालत ने राज्य सरकार को चार सप्ताह के भीतर याचिकाकर्ता को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति पत्र जारी करने के निर्देश दिए हैं। न्यायाधीश संदीप शर्मा की अदालत ने यह भी स्पष्ट किया है कि याचिकाकर्ता की सेवा की निरंतरता आपराधिक मुकदमे के परिणाम पर निर्भर करेगी। अदालत ने कहा कि केवल एक एफआईआर लंबित होने के आधार पर खासक, मामूली अपराधों के लिए अनुकंपा नियुक्ति को रोकना उचित नहीं है।
वहीं, याचिका में बताया गया है कि याचिकाकर्ता के पिता प्राथमिक शिक्षा विभाग में जेबीटी के पद पर वर्ष 1998 से 2009 तक कार्यरत थे। वर्ष 2009 में सेवा के दौरान निधन हो गया था। सरकार ने 26 फरवरी 2021 को याचिकाकर्ता को क्लास 3 के (जेओए आईटी) के पद पर अनुकंपा नियुक्ति की मंजूरी दी। हालांकि उन्हें नियुक्ति पत्र जारी नहीं किया गया। याचिकाकर्ता ने जब नियुक्ति न करने का कारण विभाग से जानना चाहा, तो विभाग ने कहा कि उसके खिलाफ वर्ष 2019 में आईपीसी की धारा 323 और 325 के तहत दर्ज एक एफआईआर के कारण उनकी नियुक्ति रोकी गई है।