बांस एक ऐसा पौधा है जो भारत में लगभग सभी जगहों पर आसानी से मिल जाता है। बांस का उपयोग कई तरह से किया जाता है जिनमें फर्नीचर, बल्ली, घर बनाना आदि शामिल है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि बांस का अचार व मुरब्बा भी बनता है। बांस का अचार बहुत ही स्वादिष्ट होने के साथ ही काफी फायदेमंद भी होता है। यह हाइट बढ़ाने व बनाने से लेकर हड्डियां मजबूत करने समेत कई सारे कार्य करता है। आपको बता दें कि बांस का अचार करील बांस की ताजा कोपलों से बनता है जो बेहद ही कोमल होती हैं। बांस के अचार को एकबार बनाने के बाद पूरे सालभर तक खाया जा सकता है।
आवश्यक सामग्री :
बाँस (करील) – 500 ग्राम
हल्दी पाउडर – 1 टेबल स्पून
या सरसों – एक टेबल स्पूनअज
वाइन – एक टी स्पूनमेथी
दाना – 1 टेबल स्पून
सौंफ – 1 टेबल स्पून
अमचूर- 1 टेबल स्पून ( ऑप्शनल)
सरसों का तेल- एक कप
विधि:
सबसे पहले बांस की करील के छिलके उतार लें और इसके पतले या छोटे चोकौर टुकड़े काट लें।
इसे काटकर मिट्टी के बर्तन में धूप में 1-2 दिन के लिए रख दें।
फिर एक कड़ाही लें। इसमें राई, अजवाइन, मेथी दाने, सौंफ डालकर धीमी आंच पर भूनें। ठंडा हो जाने पर मिक्सर के जार में दरदरा पीस लें।
अब करील के बर्तन में ही करील के ऊपर पिसा मसाला डालें। साथ ही अमचूर, मिर्च पाउडर, हल्दी, नमक डालकर अच्छे से मिक्स कर लें।
एक बर्तन में सरसों का तेल इतनी देर तक गर्म करें कि उसमें से भांप उठने लगे। गैस बंद करें। काफी हद तक ठंडा होने दें। अब इसे तैयार करील पर पलट दें।
करील के तैयार अचार को एयर टाइट कंटेनर या अचार के मर्तबान में रखें और इसे 3-4 दिन के लिए धूप में रखें। बस आपका करील का अचार तैयार है।
एक बात का विशेष ध्यान रखें कि हर अचार की तरह इसमें भी गीली या नमी वाली या जूठी चम्मच न डालें। इससे अचार जल्दी खराब हो जाता है। जब भी अचार खाना हो, सूखी चम्मच से कटोरी में अचार निकाल लें और इस्तेमाल करें।
बांस करील का अचार दाल- चावल, चावल-सब्जी या पूड़ी के साथ बहुत ही अच्छा लगता है।