
रजनीश शर्मा। हमीरपुर
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ ) एक नागरिक सुरक्षा पुलिस बल है जिसका गठन डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 के तहत किया गया। जिसने देश की हर आपदा में हमेशा आगे बढ़ कर नेतृत्व किया है और जिसका आदर्श वाक्य आपदा सेवा सदैव सर्वत्र है। जिसका तात्पर्य सभी परिस्तिथियों में सतत्त आपदा प्रतिक्रिया सेवा से है मानवता की रक्षा का संकल्प के साथ ही सेवा ही धर्म के तहत एनडीआरएफ अपने दायित्वों का निर्वहण करती है। एनडीआरएफ की टीम जिले के ग्रामीण इलाकों के चुनिंदा स्कूलों में सुरक्षा पर अभ्यास और मॉक ड्रिल कर रही है।
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इसी के चलते राजकीय (उत्कृष्ट) वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला टौणी देवी में जसूर स्थित 14 बटालियन की टीम ने उप-निरीक्षक राजेश के नेतृत्व में छात्रों एवं शिक्षकों के लिए स्कूल सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम के तहत आपदा प्रबंधन के पहलुओं पर प्रशिक्षण दिया एनडीआरएफ टीम ने प्रशिक्षण के दौरान बाढ़,भूकम्प सुरक्षा,सड़क सुरक्षा,वज्रपात सुरक्षा,तथा सर्पदंश प्रबंधन के बारे में जानकारियाँ देने के साथ साथ अस्पताल –पूर्व चिकित्सा के बारे में प्रदर्शन के माध्यम से बच्चों को जागरूक किया गया एवं इसका अभ्यास भी करवाया गया।
यह जानकारी देते हुए प्रधानाचार्य रजनीश रांगड़ा ने बताया कि इस मॉक ड्रिल से भविष्य में होने वाली आपदा के बेहतर प्रबंधन और उससे होने वाले नुकसान को कम करना है। मॉक ड्रिल के माध्यम से जहां आपदा से निपटने की हमारी क्षमताओं का आंकलन होता है।
वहीं, आपदा प्रबंधन तंत्र में कई कमियों का भी पता चलता है। इस अवसर पर एनडीआरएफ ने स्कूल को मेडिकल फर्स्ट रिस्पॉन्डर ( एमएफआर ) किट भी प्रदान की, जिसका उपयोग छात्र और शिक्षक किसी आपात स्थिति के दौरान संकट में फंसे लोगों की मदद के लिए कर सकते हैं। एमएफआर किट में 28 चीजें शामिल हैं, जिनमें दस्ताने, बैज, सर्वाइकल कॉलर (सेट), पट्टियाँ, ब्लड प्रेशर कफ, स्टेथोस्कोप, जीभ डिप्रेसर, उपयोगकर्ता मैनुअल और ब्रोशर शामिल हैं।
वहीँ उप-निरीक्षक ने बताया कि आपदा जोखिम न्यूनीकरण हेतु सभी बच्चों को लगातार ऐसे प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं जिसका उदेश्य है कि विद्यालय के अध्यापकों तथा बच्चों को आपदा पर्बंधन में इस प्रकार जागरूक एवं सक्षम बनाया जाये कि वे विद्यालय परिसर में उत्पन्न किसी भी तरह की आपात स्तिथि का कारगर ढंग से मुकाबला कर सकें वर्तमान परिवेश में यह जरूरी है कि प्रत्येक विद्यालय में आपदा प्रबंधन योजना तैयार की जाये।
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समय समय पर इसका अभ्यास भी किया जाये ताकि आपदा के समय स्कूलों में जान माल का नुक्सान न हो पूर्वाभ्यास में एनडीआरएफ, एनएसएस स्वयंसेवियों, स्काउट गाइड एवं आपदा प्रबंधन की गठित टीमों ने राहत व बचाव कार्यों में हिस्सा लिया। आपदा की स्थिति में सभी ने एक जुट होकर एक टीम वर्क के रूप में कार्य करते हुए जान माल की सुरक्षा के प्रति सामाजिक दायित्व का निर्वहन किया। इस अवसर पर स्कूल नोडल अधिकारी सोनू गुलेरिया, सुरेश, संजीव, लीना, सतीश, कुसुम लता सहित अन्य अध्यापक उपस्थित रहे।