
पोल खोल न्यूज। धर्मशाला
पर्यटक नगरी मकलोडगंज के पास भागसूनाग-वाटरफॉल कभी सैलानियों के लिए सबसे पंसदीदा जगहों में से एक थी, लेकिन भागसूनाग-वाटरफॉल सूखे की मार से दो चार हो रहा है, जिससे यहां नए साल के जश्न के लिए देश-विदेश से पहुंच रहे पर्यटकों को निराश ही लौटना पड़ रहा है। न्यू ईयर सलिब्रेशन को बर्फबारी के साथ मनाने पहुंचे पर्यटक मौसम की बेरूखी के चलते वाटरफॉल की तरफ रुख कर रहे हैं, जबकि वहां भी नाममात्र पानी होने से मायूस होकर लौट रहे हैं। मकलोडगंज के पास भागसूनाग में वाटरफाल बिना बारिश व बर्फबारी के सूखने के कगार पर पहुंच गया है। विश्व भर में पर्यटन के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बना चुके मकलोडगंज, भागसूनाग और वाटरफाल में आने वाले पर्यटकों को भी अब निराश होकर लौटना पड़ रहा है।

डेढ़ किलोमीटर का पैदल सफर, मिल रहा नाममात्र पानी
पर्यटन सीजन पर हजारों की संख्या में पर्यटक वाटरफाल का रुख करते हैं, लेकिन वाटरफाल अब मात्र इतिहास बनकर ही रह गया है। देश-विदेश से पहुंचे पर्यटकों को डेढ़ किलोमीटर पैदल सफर करके नाममात्र पानी ही देखने को मिल रहा है। पानी का स्तर नीचे गिरने से भागसूनाग क्षेत्र के होटल कारोबारी व व्यापारी खूब परेशान दिख रहे हैं। भागसूनाग -वाटरफॉल बफऱ्बारी और बारिश के पानी पर ही निर्भर है। जबकि वाटरफॉल बरसात के मौसम में पानी से लबालब रहता है। पशु-पक्षियों के लिए यह झरना पीने के पानी का स्रोत है, जो अब सूखने की कगार पर है।
सैलानियों को बर्फ का इंतजार
सैलानी आसमान की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं कि कब बारिश और बर्फबारी होगी। बर्फबारी होने से अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल मकलोडगंज में पर्यटन कारोबार को और पंख लगेंगे। हालांकि पर्यटकों की संख्या में जरूर बढ़ोतरी दर्ज की गई है, लेकिन हिमपात देश-दुनिया के लोगों को पर्यटक स्थल मकलोडगंज-नड्डी की ओर खींच लाएगा। पर्यटन कारोबारियों की बात करें तो सब स्नोफॉल चाहते हैं। धौलाधार की वादियों में यदि बर्फ होगी तो काफी पर्यटक दिन के समय यहां पर ही अठखेलियां करेंगे।

वाटरफॉल के सूखने से पर्यटन कारोबार पर पड़ेगा असर
भागसूनाग के स्थानीय लोगों व कारोबारियों का कहना है कि मकलोडगंज व भागसूनाग की शान कहे जाने वाले वाटरफाल यानी झरने पर संकट आने लगा है। झरने में पानी सूखने की कगार पर पहुंच गया है। ऐसा पहली बार हुआ है कि यहां पानी की नाममात्र की धार रह गई है। यहां से निकलने वाली चरान खड्ड में भी पानी लगभग सूख गया है। इससे पर्यटकों में निराशा है। झरने में पानी की कमी से कारोबार पर इसका असर पड़ सकता है ।
