
पोल खोल न्यूज़ | शिमला
प्रदेश में पहली बार विधायक प्राथमिकता में इलेक्ट्रिक बसों और चार्जिंग स्टेशनों को डाला जाएगा। हर विधायक अपने-अपने क्षेत्र में ऐसे रूट का ब्योरा देंगे, जिन पर एचआरटीसी की डीजल बस चलती रही हो। वहीं, अब वास्तविक नई योजनाओं में छह के बजाय पांच योजनाएं ही डलेंगी। बताते चलें कि सड़कों-पुलों, लघु सिंचाई योजनाओं और ग्रामीण पेयजल व मल निकासी में तीन योजनाएं डाली जाएंगी। विधायक इस बार रखरखाव से संबंधित केवल एक योजना ही डाल पाएंगे। यह वास्तविक नई स्कीम के तहत ही डाली जाएगी। इसके अलावा ऑनगोइंग (चालू) स्कीमों को डालने की प्रक्रिया को भी बंद किया गया है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में विधायक प्राथमिकता बैठकें सोमवार यानि आज से राज्य सचिवालय में होंगी।
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इन बैठकों में पहले दिन सात जिलों के विधायक अपनी-अपनी बात रखेंगे। 29 जनवरी को पहले दिन 10 बजे ही यह बैठकें शुरू हो जाएंगी। पहले दिन सुबह 10 बजे से डेढ़ बजे के सत्र में ऊना, हमीरपुर और सिरमौर जिलों के विधायक अपनी प्राथमिकताएं बताएंगे। दोपहर बाद के सत्र में दो बजे से शाम पांच बजे तक सोलन, चंबा, बिलासपुर और लाहौल स्पीति के विधायक अपने-अपने क्षेत्रों की प्राथमिकताएं प्रस्तुत करेंगे। अगले दिन 30 जनवरी को कांगड़ा, किन्नौर, कुल्लू, शिमला और मंडी जिलों के विधायक दो सत्रों में अपने-अपने हलकों की बात रखेंगे। विधायकों से वित्तीय संसाधन जुटाने और खर्चे घटाने के लिए सुझाव भी लिखित में ही लिए जाएंगे।