
रजनीश शर्मा । हमीरपुर
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के छह बागी अयोग्य घोषित विधायक आज सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेंगे। विधानसभा स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने इन्हें एंटी डिफेक्शन लॉ के तहत दोषी मानते हुए बीते 28 फरवरी को अयोग्य घोषित करार दिया था।
ये हैं छः पूर्व विधायक जिन्हें सीएम ने दी काले नागों की संज्ञा
स्पीकर के ऑर्डर के बाद सुजानपुर से विधायक राजेंद्र राणा, धर्मशाला के सुधीर शर्मा, कुटलैहड़ के देवेंद्र कुमार भुट्टो, बड़सर के इंद्र दत्त लखनपाल, लाहौल-स्पीति के रवि ठाकुर और गगरेट के चैतन्य शर्मा हिमाचल विधानसभा के सदस्य नहीं रहे। बागी विधायक रवि ठाकुर ने बताया कि आज सुप्रीम कोर्ट में याचिक को दाखिल करेंगे। वहीं, कानून के जानकार मानते हैं कि इस तरह के मामलों में अदालतों में लंबा वक्त लगता है। इसलिए याचिका में स्पीकर के ऑर्डर को जल्द स्टे करने का आग्रह किया जाएगा, ताकि इनकी सदस्यता को बहाल किया जा सके।
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यह कहती है जजमेंट
स्पीकर ने अपनी जजमेंट में कहा कि सरकार जनता की है। एक विधायक 80 हजार लोगों का प्रतिनिधित्व करता है। इन विधायकों ने चुनाव कांग्रेस पार्टी से लड़ा। मगर, इन्होंने एंटी डिफेक्शन लॉ के कुछ प्रावधान अपनी ओर आकर्षित किए हैं। याचिकाकर्ता और प्रतिवादी के पक्ष को सुनने के बाद उन्होंने फैसला सुनाया।
व्हिप पर बागी विधायकों के साइन
ऑर्डर के अनुसार, छह विधायक कट मोशन पर वोटिंग और विधानसभा में जब बजट पारित किया गया, उस दौरान सदन से गैर हाजिर रहे। जबकि, पार्टी ने इन्हें पहले ही ‘व्हिप’ जारी किया था। ‘व्हिप’ पर इन्होंने साइन भी कर रखे हैं। यह सभी विधायक दल बदल कानून के तहत दोषी पाए गए।
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हिमाचल में अब 62 विधायक बचे
68 विधायकों वाली हिमाचल विधानसभा में अब 62 विधायक बचे हैं। इनमें 34 कांग्रेस, 25 बीजेपी और तीन इंडिपेंडेंट हैं। निर्दलीय ने भी भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट किया है।
केंद्र ने दी Y श्रेणी की सुरक्षा
केंद्र सरकार ने बागी विधायकों को Y श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की है। प्रत्येक विधायक की सुरक्षा में CRPF के एक हेड कॉन्स्टेबल की अगुवाई में चार कमांडो तैनात किए गए हैं।। बागी विधायकों को Y श्रेणी की सुरक्षा मुहैया करवाने के लिए गृह मंत्रालय ने पत्र जारी कर दिया है। यह पत्र हिमाचल के DGP को आया है।