
हिमाचल में एक साथ 9 सीटों पर उप-चुनाव : जनता पर गैर जरूरी चुनाव थोपा; निर्दलीय एमएलए के रिजाइन पर तीखी प्रतिक्रिया दे रहे लोग
रजनीश शर्मा । हमीरपुर
हिमाचल में पहली बार 9 सीटों पर विधानसभा उप चुनाव एक साथ होंगे। प्रदेश के इतिहास में पहले न कभी किसी विधायक को इस तरह अयोग्य घोषित किया गया और न ही चुने हुए विधायकों ने अपना कार्यकाल समाप्त होने के 45 महीने पहले रिजाइन किया। खासकर इंडिपेंडेंट एमएलए होशियार सिंह, केएल ठाकुर और अशीष शर्मा द्वारा अपना कार्यकाल पूरा होने से 45 महीने पहले इस्तीफा देकर सबको चौंकाया है।
इन्होंने सिर्फ बीजेपी में एंट्री के लिए और 15 महीने पहले जनता द्वारा दिए गए जनादेश की परवाह किए बगैर क्षेत्र की जनता पर उप चुनाव थोपा है। इनके रिजाइन करते ही सोशल मीडिया पर भी लोग तीखी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
पहले इन दो वजह से हुए उप चुनाव
प्रदेश में बीते सालों के दौरान दो वजह से उप चुनाव होते आए है। पहली वजह किसी विधायक या सांसद की मृत्यू होना और दूसरी वजह किसी विधायक द्वारा लोकसभा का या फिर सांसद द्वारा विधानसभा का चुनाव लड़ना। इन वजह से उप चुनाव हुए है। मगर इस बार उप चुनाव की वजह विधायक खुद बने है।
हालांकि कांग्रेस के छह बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने की वजह से उप चुनाव की नौबत आई है, लेकिन इंडिपेंडेंट एमएलए की सीट पर उप चुनाव जरूरी नहीं था।
इन सीटों पर होंगे उप चुनाव
केंद्रीय चुनाव आयोग ने बीते 16 मार्च को ही धर्मशाला, कुटलैहड़, सुजानपुर, लाहौल स्पीति, बड़सर और गगरेट विधानसभा में उप चुनाव की घोषणा कर रखी है। हिमाचल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी लोकसभा विधानसभा उप चुनाव की आगामी सात मई को नोटिफिकेशन करेंगे। संभव है कि छह विधानसभा के साथ देहरा, नालागढ़ और हमीरपुर विधानसभासीट पर भी उप चुनाव का शैड्यूल आएगा।