
कुटलैहड़ से विवेक और धर्मशाला से जग्गी के नाम लगभग फाइनल, चार विधानसभा सीटों पर होगा सर्वे
पोल खोल न्यूज़ | धर्मशाला
बीते दिनों चंडीगढ़ में हुई कांग्रेस की समन्वय समिति की बैठक में छह विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उपचुनाव को लेकर रणनीति बनाई गई। हिमाचल प्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने धर्मशाला से देवेंद्र जग्गी और कुटलैहड़ से विवेक शर्मा को प्रत्याशी बना सकती है। इनके नाम सबसे ऊपर हैं और पार्टी में लगभग सहमति बन गई है। चार अन्य सीटों पर सर्वे के माध्यम से प्रत्याशी चुने जाएंगे। सुजानपुर, नालागढ़, गगरेट और लाहौल-स्पीति विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव के लिए पार्टी के तीन-तीन संभावित प्रत्याशियों का पैनल तैयार किया गया है। पार्टी के सर्वे में सबसे ऊपर रहने वाले नेता को ही उपचुनाव में टिकट देने की सिफारिश की जाएगी। भाजपा से नाराज होकर कांग्रेस में आने की इच्छा जताने वाले नेताओं की दावेदारी पर भी मंथन जारी है।
सभी नेताओं में आपसी सहमति के बाद कुटलैहड़ से विवेक शर्मा और धर्मशाला से देवेंद्र जग्गी के नाम को लगभग फाइनल कर दिया गया है। इन दोनों नामों का प्रस्ताव पार्टी प्रभारी राजीव शुक्ल के माध्यम से हाईकमान को भी भेज दिया है। विवेक शर्मा विक्कु ने 2017 में भी कुटलैहड़ से विधानसभा चुनाव लड़ा था। वर्तमान में विवेक पार्टी के प्रदेश सचिव हैं औा कुटलैहड़ के ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष भी रह चुके हैं। धर्मशाला से कांग्रेस ने नगर निगम के पूर्व मेयर देवेंद्र जग्गी पर दांव खेलने का फैसला लिया है।
यहां कांग्रेस को एकजुट रखने और पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा के समर्थकों में सेंधमारी के लिए जग्गी को प्रत्याशी बनाने पर सहमति बनी है। उधर, सुजानपुर से कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया के नाम पर मंथन हो रहा है। यहां से अन्य विकल्प भी देखे जा रहे हैं। गगरेट से भाजपा से इस्तीफा देने वाले राकेश कालिया और पूर्व उद्योग मंत्री और पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप कुमार के नाम की चर्चा है। बडसर में पूर्व विधायक मनजीत डोगरा, नरेश लखनपाल, युवा कांग्रेस नेता विशाल कुमार, नितिन शर्मा और लाहौल-स्पीति में भाजपा से इस्तीफा देने वाले पूर्व विधायक रामलाल मारकंडा, पूर्व विधायक रघुवीर सिंह व दोरजे लारजे को लेकर मंथन जारी है।
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वहीं, लोकसभा चुनाव के लिए मंडी संसदीय सीट से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह और हमीरपुर सीट से पूर्व विधायक सतपाल रायजादा को ही सैद्धांतिक तौर पर प्रत्याशी बनाने का फैसला ले लिया गया है। इन दोनों नामों पर अब कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की मुहर लगना ही शेष है। शिमला और कांगड़ा सीट से प्रत्याशी तय करने के लिए जातीय और क्षेत्रीय संतुलन को लेकर मंथन चल रहा है। भाजपा की ओर से घोषित प्रत्याशियों को देखते हुए भी कांग्रेस रणनीति बना रही है।
भाजपा ने शिमला सीट से सुरेश कश्यप को दोबारा चुनाव मैदान में उतारा है। सुरेश कश्यप जिला सिरमौर से संबंध रखते हैं। ऐसे में कांग्रेस क्षेत्रीय संतुलन बनाने के लिए और सिरमौर के वोटों का ध्रुवीकरण करने के लिए यहीं से प्रत्याशी दे सकती है। जातीय संतुलन को देखा जाए तो शिमला से भी प्रत्याशी दिया जा सकता है। कांगड़ा से भाजपा ने राजीव भारद्वाज को प्रत्याशी बनाया है। ऐसे में कांग्रेस के भीतर अब ब्राह्मण, ओबीसी या राजपूत वर्ग में से किसे प्रत्याशी बनाया जाए, इसे लेकर विचार चल रहा है।