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सुजानपुर में अस्तित्व की लड़ाई में कौन आगे, राजेंद्र राणा या फिर कांग्रेस!
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2014 में पत्नी समेत चुनाव हार चुके हैं राजेंद्र राणा
रजनीश शर्मा । हमीरपुर
कांग्रेस और बीजेपी के मकड़जाल में उलझे राजेंद्र राणा के गले में क्या चौथी बार जीत का हार पड़ेगा या फिर कांग्रेस पार्टी 2022 के आम चुनावों में जीती सीट को उपचुनाव में भी जीत नया इतिहास लिखेगी। सुजानपुर उपचुनाव बीजेपी में शामिल राजेंद्र राणा के अस्तित्व को भी चुनौती दे रहा है तो दूसरी ओर सीएम सुक्खू की साख का सवाल भी बना हुआ है। राजेंद्र राणा और उनका परिवार भाजपा के खिलाफ पांच चुनाव लड़ चुका है जिनमें दो बार हार और तीन बार राणा परिवार को जीत मिली है। 2012 में राजेंद्र राणा ने विधानसभा का चुनाव सुजानपुर से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीता तब उन्होंने 24674 मत लिए जबकि भाजपा की उर्मिल ठाकुर को 8853 मत ही मिले। राणा कांग्रेस की अनीता वर्मा को14166 वोटों के अंतर से हराने में कामयाब हुए और इसके बाद उर्मिल और अनीता वर्मा कभी चुनाव मैदान में नहीं उतरी। वर्ष 2017 में हुए आम विधानसभा चुनावों में राजेंद्र राणा को कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर 25288 मत पड़े जबकि बीजेपी के प्रेम कुमार धूमल को 23369 वोट पड़े। इस तरह राजेंद्र राणा दूसरी बार 1919 वोटों से चुनाव जीत एमएलए बने। धूमल की हार के बाद वह भी दोबारा चुनाव न लड़ पाए। साल 2022 में फिर राजेंद्र राणा कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनावी युद्ध में उतरे तो दूसरी तरफ मुकाबले में उनके सामने बीजेपी के कैप्टन रणजीत सिंह खड़े हुए। इस बार राजेंद्र राणा को 27679 वोट पड़े तो कैप्टन रणजीत को 27280 वोट पड़े। राजेंद्र राणा तीसरी बार भाजपा उम्मीदवार को 399 वोटों से चुनाव जीत विधायक बने।