
सावधान : देश के कई शहरों में IFFT कंपनी का खेल, मार्केटिंग के दम पर करोड़ों के घोटाले का अंदेशा
POL KHOL NEWS DESK | HAMIRPUR
मल्टी लेवल मार्केटिंग (एमएलएम) कंपनियों के बारे में आपने सुना होगा। एंबे, प्रेस्टीज, आरसीएम जैसी कंपनियां इसमें प्रमुख हैं। इसमें आरसीएम, एंबे जैसी कंपनियों के शीर्ष अधिकारी जेल जा चुके हैं, तो पीएसीएल जैसी कंपनी ने हजारों करोड़ रुपये निवेशकों से इकट्ठे किये और सैकड़ों केस दर्ज होने के बाद इनके भी मालिकान आज जेल में हैं। ऐसी ही एक कंपनी है आईएफएफटी मल्टीएथेनिक फैशन प्राइवेट लिमिटेड के नाम से। यूं तो ये कंपनी चंडीगढ़ में कपड़ों के व्यापार के लिए रजिस्टर्ड है, लेकिन इसका मुख्य काम है मल्टी लेवल मार्केटिंग का। इस कंपनी में काम करने वालों का दावा है कि वो किसी को भी कुछ ही महीनों में करोड़पति बना सकते हैं, और इसके लिए उन्हें करनी होगी मेहनत। यही नहीं, कंपनी से जुड़े लोग बाकायदा ट्रेनिंग, एग्जाम्स तक करवाते हैं और फिर इस दौरान आपका ब्रेन वॉश करके आपसे 8,500 से लेकर 45,500 तक की परचेजिंग (खरीददारी) कराते हैं। इसके बाद आपकी भी उस खेल में जुट जाना होता है, जिसमें वो आपको धकेलते हैं। क्योंकि आपको बिजनेस के नाम पर अपनी खरीददारी के पैसे भी तो वापस पाने होते हैं?
क्या क्या होते हैं दावे?
आईएफएफटी ने अपनी कंपनी में कई स्तर तय किये हैं। इसके लिए नीचे से फैशन कंसल्टेंट (कोड-21), फैशन एसोसिएट (कोड-30), आर-बीडीएम (कोड-39), बीडीएम (कोड 40-42) की तरह की रैंक बनी है। कंपनी बीडीएम बनने पर विदेश टूर तक का लालच देती है और एक विदेश टूर (थाइलैंड जैसी सस्ती जगह) कराया भी है। जिसकी तस्वीरें दिखाकर लोगों को आकर्षित किया जाता है।
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निशाने पर कौन लोग?
आईएफएफटी जैसी मल्टीलेवल मार्केटिंग कंपनियों के निशाने पर बी बेरोजगार रहते हैं, जो कम पढ़े लिखे हों। यानी 10वीं-12वीं। ये बी.टेक, एमबीए युवकों को भी ट्रेनिंग के नाम पर बुलाते हैं। खूब ब्रेनवाश करते हैं। उन्हें घर से पैसे किस तरह से निकालने हैं (घर वालों को ब्लैकमेल करने की ट्रेनिंग भी देते हैं) ये भी बताते हैं। और अगर उन्हें इन चार दिनों में लगता है कि इस ग्रुप में शामिल आधे लोग पैसे नहीं दे पाएंगे, तो उन्हें कोई न कोई बहाना बनाकर वापस भेज देते हैं। इस काम के लिए कंपनी ने विभिन्न स्तरों पर लगातार 4 दिनों तक आपके साथ रहने के लिए अलग अलग आदमी रखे होते हैं। और फिर पांचवे दिन बाकायदा आपका इंटरव्यू होता है। यहीं पर आखिरी चाल चली जाती है, जल्द से जल्द व्यक्ति से खरीदारी कराने की। इसके लिए बाकायदा घर वालों को, दोस्तों को फोन कराकर पैसे मंगाए जाते हैं। ताकी खरीदारी कराने के बाद उन्हें अपने काम में शामिल किया जा सके। ये खरीदारी के नाम पर आपको कुछ कपड़े देंगे, जो आपको ही पहनने हैं और देंगे लाइसेंस, जिससे आप दूसरों को भी जोड़ सकें।
किस रैंक में कितना निवेश?
आईएफएफटी कंपनी में सबसे नीचे की रैंक (फैशन कंसल्टेंट) पर जुड़ने के लिए 8500 रुपये लगते हैं। फैशन एसोसिएट (कोड-30) के लिए आपसे 45,500 का निवेश कराते हैं। इस ट्रेनिंग के दौरान ऐसा माहौल क्रिएट कर दिया जाता है, कि आप को लिए इनके खाते में पैसे भेजना एकमात्र लक्ष्य रह जाता है। और रिटर्न के नाम पर आपको मैट्रिक्स चेन सिस्टम के माध्यम से अन्य लोगों का निवेश लाना होता है, इसके बदले में आपको कमीशन मिलता है। यही कंपनी का सबसे बड़ा खेल यानी अपराध है।
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क्या है अपराध?
भारत में बनाए गए नियमों के मुताबिक मल्टीलेवल मार्केटिंग कंपनियों में किसी को जोड़ने के लिए अगर कमीशन, बोनस का लालच दिया जाता है, तो ये पोंजी स्कीम के तहत दंडनीय अपराध है। इस तरह की तमाम कंपनियों ने हजारों करोड़ के घोटाले किये हैं। और कई कंपनियों पर बैन लगाने से लेकर जब्ती, गिरफ्तारी की कार्यवाही हो चुकी है। ऐसी कंपनियों पर Money Circulation Scheme, Prize Chits and Money Circulation Schemes (Banning) Act-1978, Drugs and Magic Remedies (Objectionable Advertisements) Act and 420 (cheating) of IPC के तहत कार्यवाहीकी जाती है।
आईएफएफटी मल्टीएथेनिक फैशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की ब्रांच
आईएफएफटी की ब्रांच देहरादून, लखनऊ, हैदराबाद, सिकंदराबाद, भोपाल, कोलकाता जैसे शहरों में हैं। चूंकि अभी कंपनी के खिलाफ कोई बड़ी शिकायत दर्ज नहीं हुई है, ऐसे में इनका खेल धड़ल्ले से चल रहा है।
एमएलएम को लेकर क्या हैं सरकार के नियम?
कंपनियों पर ये रहेंगी बंदिशें : एजेंट (डायरेक्ट सेलर) के जरिए सीधी बिक्री शुरू करने से पहले डायरेक्ट सेलर को एक यूनिक नंबर देना होगा। कंपनी और डायरेक्ट सेलर जनता से किसी तरह की चिट फंड गतिविधि या जमाओं पर ब्याज देने के लुभावने ऑफर देकर पैसा इकट्ठा नहीं कर सकेंगे। कंपनी का किसी भी एक राष्ट्रीयकृत बैंक में खाता अनिवार्य होगा। सभी टैक्स देने होंगे। वेबसाइट पर अधिकृत डायरेक्ट सेलर के नाम और पहचान संख्या दिखानी होगी। उभोक्ता शिकायत प्रकोष्ठ बनाना होगा और 7 दिन में जनता की शिकायतों का निराकरण करना होगा और इस कंपनी में ऐसा कुछ भी नहीं है।