ब्रेकिंग : सुजानपुर में भाजपा और कांग्रेस का एक धड़ा राकेश ठाकुर को आजाद लड़वाने को बना रहा दबाव
रजनीश शर्मा । हमीरपुर
अपने अप्रत्याशित घटनाक्रम के लिए सुर्ख़ियों में रहने वाली हमीरपुर जिला की सुजानपुर सीट फिर चर्चा में है। कांग्रेस और बीजेपी के दोनों प्रत्याशियों पर दलबदलने के बीच उपजे रोष ने अब तीसरे विकल्प के रूप में आजाद प्रत्याशी की खोज तेज कर दी है। भाजपा के प्रत्याशी राजेंद्र राणा जहां कांग्रेस छोड़ने के बाद भाजपा के रंग में पूरी तरह से रंग चुके हैं वहीं दूसरी ओर भाजपा छोड़ कांग्रेस में जाकर प्रत्याशी बने कैप्टन रणजीत सिंह राणा को कांग्रेसी संस्कृति को समझने और अपनाने में वक्त लग सकता है। हमीरपुर में सीएम बचाओ के नारे तले कांग्रेस बेशक एकजुट दिख रही है लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी कैप्टन रणजीत सिंह की बीजेपी के प्रति दर्शाई गई हमदर्दी अब उन्हीं के गले की फांस बनती नजर आ रही है। उन्हें जिस पार्टी ने सुजानपुर उपचुनाव में टिकट दिया है, उस पार्टी के पक्ष में भी कैप्टन सही ढंग से नहीं बोल पा रहे हैं । कांग्रेस के चुनाव प्रचार ने भी अभी गति नहीं पकड़ी है। इस बारे में मिडिया द्वारा पूछे प्रश्नों पर भी कैप्टन डिफेंसिव मोड में नजर आए। कैप्टन के बीजेपी के प्रति इस व्यवहार से कांग्रेस के अंदर भी अब सुगबुगाहट शुरू हो चुकी है। कैप्टन का भाजपा प्रेम उन्हें दिक्कत में डाल सकता है क्योंकि कांग्रेस के अंदर ऐसी स्थिति में टिकट बदलने की खुसर फुसर भी सुनने को मिलने लगी है। उधर दोनों पार्टियों ने दल बदल कर आए लोगों को टिकट देकर अपने समर्थकों को भी नाराज कर लिया है। ऐसे में लोग तीसरे विकल्प के रूप में आजाद उम्मीदवार की राह देखना शुरू कर चुके हैं।
राकेश ठाकुर पर आजाद चुनाव लडने का दबाव
सुजानपुर में बीजेपी के अंदर एक धड़ा अभी भी भाजपा प्रत्याशी राजेंद्र राणा से नाराज चला हुआ है। दूसरी तरफ कांग्रेस उम्मीदवार कैप्टन रणजीत का बीजेपी के खिलाफ दबी जुबान कांग्रेस में भी रोष पैदा कर रही है। नाम न छापने की शर्त पर एक कांग्रेसी नेता का कहना है कि सीएम बचाओ का जो करंट सुजानपुर में राजेंद्र राणा के खिलाफ शुरू में था अब कैप्टन को कांग्रेस टिकट मिलने से खत्म होता जा रहा है। पूर्व जिला परिषद चेयरमैन राकेश ठाकुर ने कहा कि उन पर भाजपा और कांग्रेस के लोगों का दबाव है कि राजेंद्र राणा को हराने के लिए निर्दलीय चुनाव लडा जाए। राकेश ठाकुर ने कहा कि वह लगातार फील्ड में हैं और समर्थकों के फाइनल निर्णय के बाद हमीरपुर जिला के हक में वह चुनाव लडने को तैयार हूं। उनका कहना है कि 2012 में भी सुजानपुर में यह स्थिति बनी थी जब लोगों को कांग्रेस और बीजेपी के उम्मीदवार पसंद नहीं आए और सुजानपुर की जनता ने आजाद उम्मीदवार के समर्थन में भारी मतदान कर जीता दिया था। 12 साल बाद आज सुजानपुर में फिर वही स्थिति है जिसमें दोनों पार्टियों ने दल बदल कर आए लोगों को टिकट थमा दी और किसी निर्दलीय उम्मीदवार को विकल्प के रूप में देखा जाने लगा है।