
चुनावों में खूब चलती है ऊना हमीरपुर रेल, कांग्रेस का आरोप भाजपा सांसद इस मुद्दे पर फेल
रजनीश शर्मा । हमीरपुर
करीब तीन लोकसभा चुनावों में हर बार ऊना से हमीरपुर तक रेल खूब दौड़ती है लेकिन चुनाव समाप्त होते ही यह मुद्दा भी शांत हो जाता है। चुनावों में इस मुद्दे पर भाजपा और कांग्रेस खूब चर्चाएं करती नजर आती है। अक्टूबर 2022 में तो विधानसभा चुनावों की आहट के साथ ही इस रेल लाइन का शिलान्यास प्रधानमंत्री मोदी के हाथों करवाने की तैयारियां भी धरी की धरी रह गई थी। हर बार करीब एक हजार रुपए के टोकन बजट से यह रेल, बजट भाषण में भी दौड़ती है फिर भी न शिलान्यास और न कहीं डेस्टिनेशन प्वाइंट अभी तक तय हुआ है। खबरें हर बार यही आती है कि केंद्रीय खेल व सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर का सपना साकार होने जा रहा है। इस रेललाइन पर चार स्टेशन बनेंगे। रेललाइन के निर्माण में 5930 करोड़ रुपये की लागत आएगी। कुल लागत का 90 प्रतिशत हिस्सा केंद्र सरकार वहन करेगी, जबकि 10 प्रतिशत प्रदेश सरकार खर्च करेगी। इस रेललाइन का मामला अनुराग ठाकुर लगातार संसद में उठाते रहे हैं।
नादौन के रंगस तक पहुंचेंगी ट्रेन
यह रेललाइन हमीरपुर जिले के नादौन हलके के कूहना (रंगस) पहुंचेगी। अभी रेललाइन का यहां तक सर्वे किया गया है। हमीरपुर तक रेललाइन पहुंचाने के लिए खर्च अधिक आने के कारण इसकी दूरी 10 किलोमीटर कम की गई है। पहले यह दूरी 54 किलोमीटर थी। रेललाइन बनने से हमीरपुर जिले के लोगों को काफी लाभ होगा। ऊना जिला की सोलहसिंगीधार धार में रेललाइन के लिए सबसे बड़ी सुरंग बनेगी।
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प्रदेश सरकार ने पीछे खींच लिए थे हाथ
अनुराग ठाकुर ने पिछले साल भी प्रदेश सरकार के समक्ष इस मामले को प्रमुखता से उठाया था। उस समय प्रदेश को इसकी लागत का 25 प्रतिशत हिस्सा खर्च करना था, लेकिन सरकार ने बजट न होने का हवाला देते हुए इस प्रोजेक्ट से हाथ खींच लिए थे।
धनेटा से निकलने वाली रेललाइन में चार स्टेशन प्रस्तावित
ऊना-हमीरपुर रेललाइन में बंगाणा के पास एक लंबी सुरंग बनना प्रस्तावित है। इकी लंबाई दो किलोमीटर से अधिक होगी। इस रेल ट्रैक पर चार रेलवे स्टेशन बनना प्रस्तावित हैं। सूत्रों के अनुसार ऊना जिला के बौल, धुंधला, कोडरा, व हमीरपुर के कूहना (रंगस) पर रेलवे स्टेशन बनेगा। अभी रेललाइन का यही अंतिम स्टेशन है। हमीरपुर तक रेललाइन पहुंचने में अभी कुछ समय लगेगा। रेलवे के सूत्रों के अनुसार कूहना से आगे लागत अधिक होने से फिलहाल यहां तक रेललाइन पहुंचाने की योजना है। इसके बाद चरणबद्ध तरीके से इसे हमीरपुर तक पहुंचाया जाएगा। पहले रेललाइन 54.100 किलोमीटर प्रस्तावित थी लेकिन नए सर्वे में इसकी दूरी कुछ कम हुई है। अब करीब 10 किलोमीटर दूरी कम हो गई है। इस रेलवे ट्रैक के लिए बनने वाले रेलमार्ग में करीब नौ सुरंगे बनेंगी और 13 बड़े पुलों का निर्माण किया जाएगा।